क्या है बर्खास्त हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी में? गहलोत सरकार क्यों आगबबूला

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। गहलोत कैबिनेट से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा द्वारा सदन में हंगामा किए जाने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई। गुढ़ा एक "लाल डायरी" के साथ स्पीकर सीपी जोशी की कुर्सी के पास पहुंच गए थे जिसके बाद उन्हें सदन से बाहर कर दिया गया।
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत कैबिनेट में मंत्री पद से हटाए जाने के बाद आज कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा जब विधानसभा में पहुंचे तो काफी हंगामा हुआ। पहले उन्हें विधानसभा के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया, गया लेकिन जब वह सदन में पहुंचकर स्पीकर के सामने लाल डायरी लहराने लगे तो इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी आग-बबूला हो गए। स्पीकर ने मार्शलों को आदेश देकर गुढ़ा को सदन से बाहर करवा दिया।
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जब रोने लगे गुढ़ा
जब गुढ़ा सदन से बाहर निकले तो रोने लगे और सरकार के मंत्रियों पर उन्हें पीटने का आरोप लगाते हुए कहा कि सबने मिलकर उनकी पिटाई की। मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा ने कहा कि मैं उस डायरी के माध्यम से बताना चाह रहा हूं कि किस तरीके से कांग्रेस के नेताओं के ऊपर फिल्में बन रही हैं। मेरे पास वो डायरी थी, वो डायरी मेरे से छीन ली गई। मुझ पर 25-50 लोगों ने एक साथ हमला किया। मुझे लात-घूंसे मारकर जमीन पर पटक दिया।
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'लाल डायरी में हैं काले कारनामे'
गुढ़ा ने कहा, 'मुझे मार्शलों ने नहीं बल्कि कांग्रेस के मंत्रियों ने घसीटकर बाहर निकाला। मार्शल तो तब तक आए नहीं थे। मैं इतना ही कहना चाह रहा था कि हमने अशोक गहलोत जी का चेहरा देखकर इनको समर्थन देने का फैसला किया था। हमने इनकी रिक्वेस्ट पर इन्हें समर्थन दिया था। गहलोत साहब आपने गुंडागर्दी करके वो डायरी का आधा पार्ट मेरे से छीन लिया और आधा पार्ट मेरे पास अभी और है। इस पार्ट के अंदर आपके सारे काले कारनामे हैं जो आपने विधायकों को क्या दिया, राज्यसभा चुनाव में आपने उन विधायकों को क्या दिया, किस-किस को प्रलोभन दिया, क्रिकेट के चुनाव में आपने किस-किसको पैसे दिए, उसका खुलासा मैं आगे भी करूंगा।'
इससे पहले जैसे ही गुढ़ा ने आज सदन के अंदर लाल रंग की डायरी लहराई तो स्पीकर ने उन्हें अपने कक्ष में आने के लिए कहा। कुछ देर बाद गुढ़ा संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के पास पहुंचे और उनसे भिड़ गए। इस दौरान बीजेपी विधायकों ने भी 'लाल डायरी' के मुद्दे पर हंगामा किया और सदन के वेल में पहुंच गये। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सुबह सदन शुरू होने से पहले गुढ़ा ने संवाददाताओं से कहा कि वह विधानसभा में 'लाल डायरी' के बारे में 'खुलासा' करेंगे। उन्होंने कहा कि डायरी में कुछ "रहस्य" हैं।
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पहले भी कर चुके हैं दावा
आपको बता दें कि झुंझुनू में एक जनसभा के दौरान भी गुढ़ा ने सीएम अशोक गहलोत पर हमला करते हुए सनसनीखेज दावा किया था। उन्होंने कहा था, 'धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर ईडी और इनकम टैक्स ने छापा मारा था। मैंने सीएम गहलोत के आदेश पर जहां रेड चल रही थी, वहां से लाल डायरी निकाल ली थी। अगर मैं लाल डायरी नहीं निकालता तो सीएम गहलोत जेल में होते।'
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बर्खास्त करने से कुछ नहीं होगा
रविवार को ही गुढ़ा ने कहा था, 'मैं मंत्रिमंडल की बैठक में भी बोलता रहा हूं, विधानसभा में भी बोलता रहा हूं। आज इन्होंने कानून बना दिया है। यदि कोई आक्रोश में दाह- संस्कार नहीं करता है तो आप उसे पांच साल जेल में डाल देंगे, कोई इनके पास बैठ नहीं पाएगा। कोई प्रोटेस्ट नहीं कर पाएगा। आप कैसे कानून बना रहे हैं? महिलाएं हमारे प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं, ये आंकड़े बोल रहे हैं कि राजस्थान महिला उत्पीड़न के मामले में देश में नंबर वन है, ये राजेंद्र गुढ़ा नहीं कह रहा है। चीख-चीख रिपोर्टें रही हैं कि राजस्थान में महिलाओं की क्या स्थिति है। राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त करने से कुछ नहीं होगा, हमारी बहनों और बेटियों में सुरक्षा का भाव होना चाहिए।'
आपको बता दें कि गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा के पटल पर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा और कहा- हमें मणिपुर के बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। हम महिलाओं की सुरक्षा के मामले में असफल हो गए हैं। गुढ़ा के इस बयान पर सदन में ही बीजेपी ने मेज थपथपाकर समर्थन किया। इस बयान के बाद राज्य की सियासत भी गरमा गई। इस बीच, सीएम गहलोत ने 6 घंटे के अंदर ही गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। सीएम की सिफारिश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है।
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कौन हैं गुढ़ा
राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे 2008 में पहली बार बसपा से चुनाव लड़कर जीते थे। उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया था। सीएम गहलोत ने रिटर्न गिफ्ट दिया और राज्यमंत्री बनाया था। साल 2018 में भी राजेंद्र फिर चुनाव जीते और गहलोत सरकार को समर्थन दिया। एक साल बाद ही सितंबर 2019 में गुढ़ा समेत बसपा के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। गुढ़ा को गहलोत सरकार में दूसरी बार मंत्री बनाया।
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