ASI की सर्वे टीम को ज्ञानवापी के तहखाने में क्या-क्या दिखा? मुख्य इमाम ने बताई आंखो-देखी

 
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ज्ञानवापी के मुख्य इमाम ने कहा कि हम लोगों ने ASI का पूरा सहयोग किया है। ASI को कोर्ट की तरफ से हिदायत दी गई है कि वो किसी भी चीज को टच नहीं करें। किसी भी चीज के साथ तोड़फोड़ भी नहीं करनी है। सिर्फ वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और बगैर टच किए हुए साइंटिफिक सर्वे करना है। 

लखनऊ। यूपी के वाराणसी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम की तरफ से ज्ञानवापी का सर्वे जारी है। इस सर्वे का आज यानी सोमवार को चौथा दिन है। सुबह साढ़े 10 बजे से ASI ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। ज्ञानवापी के तहखाने से लेकर गुंबदों तक का साइंटिफिक सर्वेक्षण किया जाएगा। 3डी इमेजिंग का काम पहले ही शुरू किया जा चुका है। जैसे-जैसे सर्वेक्षण आगे बढ़ेगा ASI टीम जमीन भेदने वाले रडार (GPR) जैसे उपकरणों का उपयोग कर सकती है। इस बीच ज्ञानवापी के मुख्य इमाम और जनरल सेक्रेटरी मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी ने 'आजतक' से खास बातचीत में बताया कि ASI की टीम को सर्वेक्षण के दौरान क्या-क्या दिखा? 

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ASI के सर्वे में क्या खास लगा?
इस सवाल के जवाब में ज्ञानवापी के मुख्य इमाम ने कहा कि हम लोगों ने ASI का पूरा सहयोग किया है। ASI को कोर्ट की तरफ से हिदायत दी गई है कि वो किसी भी चीज को टच नहीं करें। किसी भी चीज के साथ तोड़फोड़ भी नहीं करनी है। सिर्फ वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और बगैर टच किए हुए साइंटिफिक सर्वे करना है। 

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हमारा विरोध सर्वे को लेकर नहीं था
इमाम ने आगे कहा कि दूसरे दिन मस्जिद के अंदरूनी हिस्से में सर्वे हुआ। वहां पर पैमाइश की गई। ASI को जो जरूरी लगा, उन्होंने वो सब किया। हमारा विरोध सर्वे को लेकर नहीं था, बल्कि सर्वे के जो तरीके अपनाए थे उससे था। लेकिन अब ठीक है, क्योंकि हमारे ऐतराज दूर किए गए। जब तक सिस्टम के मुताबिक काम होगा, हम साथ देते रहेंगे। 

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अपनी निगरानी में दक्षिण का तहखाना खोला
ज्ञानवापी के मुख्य इमाम नोमानी ने कहा कि अपनी निगरानी में दक्षिण का जो तहखाना खोला गया उसमें ASI के लोग दाखिल हुए थे। उन्होंने (ASI) बकायदा सर्वे किया है। नीचे जाकर सर्वे किया है। ऊपर जहां नमाज होती है वहां भी किया है। सब जगह सर्वे किया है। आगे जहां भी वह (ASI टीम) कहेंगे उनका साथ दिया जाएगा और सर्वे कराया जाएगा।  

पश्चिम दीवार से भी कोई तक तहखाना जाता है क्या?
इस पर इमाम नोमानी ने कहा- नहीं पश्चिम साइड से कोई दरवाजा नहीं है। पश्चिम साइड से जो दरवाजा है वह ऊपर छत की ओर जाता है। वहां तीन मौकों पर नमाज पढ़ी जाती है- ईद पर बकरीद पर और अलविदा की नमाज। 

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सर्वे के दौरान मिली कलाकृति हिंदू प्रतीक चिन्ह हैं? 
इस पर इमाम ने कहा कि हम हर जुम्मे को वहां नमाज पढ़ाने जाते हैं लेकिन हमको अभी तक वहां ऐसा कोई निशान नहीं दिखा। तो हम यह कैसे मान लें कि वह (हिंदू पक्ष) सही कह रहे हैं।  

ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य इमाम अब्दुल बातिन नोमानी ने दावा किया है कि सर्वे की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो ज्ञानवापी की नहीं हैं। इमाम ने कहा कि जो हिन्दू प्रतीक चिन्ह ज्ञानवापी परिसर में दिखाई दे रहे हैं वो हिन्दू मुस्लिम साझा संस्कृति के प्रतीक हैं जिन्हें औरंगजेब ने मस्जिद में बनवाया था।

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तो पूरी प्रक्रिया का बहिष्कार करेंगे
ASI के सर्वेक्षण कार्य के बीच मुस्लिम पक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि 'अफवाहें' फैलाई गईं कि ज्ञानवापी से हिंदू धार्मिक प्रतीक और वस्तुएं मिली हैं तो वे पूरी सर्वे प्रक्रिया का बहिष्कार करेंगे। 

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने आरोप लगाया कि मीडिया के एक वर्ग ने शनिवार को 'अफवाहें' फैलाईं कि 'तहखाना' (तहखाने) के सर्वेक्षण के दौरान मूर्तियां, 'त्रिशूल' और 'कलश' पाए गए। उन्होंने कहा- अगर ऐसे कृत्यों पर काबू नहीं पाया गया तो मुस्लिम पक्ष एक बार फिर सर्वेक्षण कार्य का बहिष्कार करेगा। 

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इस बीच हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई भी व्यक्ति सर्वेक्षण में क्या पाया गया, इस पर टिप्पणी नहीं करेगा क्योंकि पूरा काम कोर्ट की निगरानी में किया जा रहा है। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अन्य वकील सुधीर त्रिपाठी ने शनिवार को कहा कि सर्वेक्षण कार्य के लिए डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) और अन्य तकनीकों और मशीनों का इस्तेमाल किया गया है। हिंदू पक्ष अब तक के सर्वेक्षण कार्य से संतुष्ट है। 

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