देश के 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर अगले महीने वोटिंग, जानिए पूरा कार्यक्रम

चुनाव आयोग ने मंगलवार को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की है। इन छह राज्यों में त्रिपुरा (2 सीट), केरल (1 सीट) झारखंड (1 सीट), पश्चिम बंगाल (1 सीट), उत्तर प्रदेश (1 सीट) और उत्तराखंड (1 सीट) शामिल हैं। सभी सीटों पर 5 सितंबर को मतदान होगा और इसके बाद 8 सितंबर की तारीख मतगणना के लिए तय की गई है।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मंगलवार को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस सभी सीटों पर 5 सितंबर को मतदान होगा और इसके बाद 8 सितंबर की तारीख मतगणना के लिए तय की गई है। इन छह राज्यों में त्रिपुरा (2 सीट), केरल (1 सीट) झारखंड (1 सीट), पश्चिम बंगाल (1 सीट), उत्तर प्रदेश (1 सीट) और उत्तराखंड (1 सीट) शामिल हैं। केरल की सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता ओमन चांडी के निधन के बाद खाली हुई है।
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उत्तराखंड, केरल, झारखंड में भी उपचुनाव
चांडी केरल की पुथुपल्ली सीट से विधायक थे। उन्होंने 50 वर्षों से अधिक समय तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। वहीं, झारखंड की डुमरी विधानसभा सीट पर भी 5 सितंबर को उपचुनाव होगा। यहां पर जेएमएम विधायक जगरनाथ महतो के निधन के बाद सीट खाली हुई थी। उत्तराखंड की बागेश्वर सीट मौजूदा विधायक चंदन राम दास के निधन के बाद खाली हुई थी।
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निधन और इस्तीफे के कारण खाली हुई थीं सीटें
इसी तरह त्रिपुरा में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। त्रिपुरा में बॉक्सनगर के विधायक समसुल हक थे, जिनका हाल ही में निधन हुआ था और इससे सीट खाली हुई थी। दूसरी ओर प्रतिमा भौमिक जो कि घनपुर से विधायक थीं, उन्होंने बीते दिनों इस्तीफा दे दिया, जिसके कारण धनपुर सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी।
पश्चिम बंगाल में धुपगुड़ी विधानसभा सीट मौजूदा विधानसभा सदस्य बिष्णु पदा रे के निधन से खाली थी, तो वहीं उत्तर प्रदेश में घोसी सीट सपा के दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने के बाद खाली हो गई थी। वहीं उत्तराखंड की बागेश्वर सीट मौजूदा विधायक चंदन राम दास के निधन के बाद खाली हुई थी।
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दारा सिंह चौहान ने सपा को दिया था बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश में दारा सिंह चौहान के सपा छोड़ने से सपा के बड़ा झटका पहुंचा था। मऊ के घोसी से विधायक दारा सिंह ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भेजा था। दारा सिंह योगी सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दारा सिंह को अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में शामिल किया था। दारा सिंह चैहान पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। दारा सिंह ने अपना राजनीतिक सफर बसपा से शुरू किया था। वह 1996 और 2000 में राज्यसभा सदस्य थे। उन्होंने 2009 में बसपा के टिकट से घोसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह यह चुनाव जीत गए थे। इसके बाद 2015 में वह बीजेपी शामिल हो गए थे। उन्होंने 2017 के विधानसभा का चुनाव लड़ा था। इसके बाद वह 2022 में बीजेपी से समाजवादी पार्टी में आ गए थे।
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प्रतिमा भौमिक ने भी दिया था इस्तीफा
उधर, प्रतिमा भौमिक, भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। वो त्रिपुरा से पहली केंद्रीय मंत्री और उत्तर पूर्व से दूसरी महिला केंद्रीय मंत्री हैं। वो त्रिपुरा पश्चिम से लोकसभा सांसद हैं। बीजेपी ने उन्हें सांसद और केंद्रीय मंत्री होने के बाद धनपुर सीट से चुनाव लड़वाया था। यहां उन्होंने पूर्व सीएम माणिक सरकार की सीट से कड़े मुकाबले से जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी।
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