TMC नेता ने जयशंकर से पूछा, भूलने की बीमारी है क्या? पिता के बयान का किया जिक्र

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद और पूर्व ब्यूरोक्रेट जवाहर सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा कि क्या आपको भूलने की बीमारी हो गई है। बहुत हैरानी की बात है कि आपको गांधी परिवार के प्रति मलाल अब याद आ रहा है, जबकि आप कई साल तक उनकी सरकार में वफादारी से नौकरी करते रहे और सबसे बेहतर पोस्टिंग्स का लुत्फ उठाते रहे। क्या ये आपकी भूलने की बीमारी है या अचानक विदेश मंत्री बना दिए जाने के चलते आप BJP से लिपट रहे हैं।
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दरअसल ANI को दिए एक इंटरव्यू में एस जयशंकर ने कहा था कि उनके पिता के सुब्रमण्यम बेहद ईमानदार और मेहनती ब्यूरोक्रेट थे। वे जनता सरकार में सेक्रेटरी थे, लेकिन 1980 में इंदिरा गांधी ने जब दोबारा सरकार बनाई तो सबसे पहले उनके पिता को ही पद से हटाया। शायद से उनकी ईमानदारी के चलते हुआ। उन्होंने कहा कि उनके पिता दोबारा कभी सेक्रेटरी नहीं बन पाए। राजीव गांधी की सरकार बनी तो उनके जूनियर को डिफेंस सेक्रेटरी बना दिया गया।
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जवाहर सरकार ने जयशंकर के पिता के पुराने लेख का हवाला देते हुए मोदी को असुर कहा। उन्होंने ट्ववीट किया, एस जयशंकर के पिता के सुब्रमण्यम ने 2002 के दंगों पर कहा था, गुजरात में धर्म की हत्या हुई है। जो लोग मासूम नागरिकों को बचाने में नाकाम रहे वे सब अधर्म करने के दोषी हैं। राम ने गुजरात के असुरों राजाओं के खिलाफ अपना धनुष बाण उठाया होता। असुरों की नौकरी में लगे बेटे को शर्म आनी चाहिए।
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सरकार ने अगले ट्वीट में लिखा, जयशंकर कहते हैं कि BBC डॉक्यूमेंट्री की टाइमिंग संयोग नहीं है, बल्कि यह दूसरे तरीकों से की जा रही पॉलिटिक्स है। मेरा उनसे सवाल है कि उसमें जो तथ्य दिखाए गए हैं वे सही हैं या गलत। अगर मोदी सरकारपक्षपाती न होती तो क्या हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
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