केबल आधारित देश का पहला रेलवे पुल तैयार, इंजीनियरिंग के बेजोड़ नमूने का नजारा दिखाया रेल मंत्री ने

 
cable-stayed railway bridge

भारत का पहला केबल आधारित रेल ब्रिज बनकर तैयार है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर इंजीनियरिंग के बेजोड़ नमूने का नजारा दिखाया है। पुल के वीडियो को पीएम मोदी ने भी शानदार बताया।

 

नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज अंजी खड्ड पुल के निर्माण का एक टाइमलैप्स वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि भारत का पहला केबल आधारित रेल ब्रिज बनकर तैयार है। रेल मंत्री के मुताबिक, इस पुल में 96 केबल हैं। केबल स्ट्रैंड्स की कुल लंबाई 653 किमी है। टाइमलैप्स वीडियो को एक कैप्शन के साथ शेयर किया गया था जिसमें लिखा था, "11 महीनों में, भारत का पहला केबल-आधारित रेल ब्रिज तैयार है। सभी 96 केबल सेट हैं!  केबल स्ट्रैंड्स की कुल लंबाई 653 किमी।" वीडियो में पहले से लेकर आखिरी तक हर एक केबल की प्लेसमेंट देखी जा सकती है।

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पुल का निर्माण भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण उदमपुर-श्रीनगर-बारामूला-रेल लिंक परियोजना के तहत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में किया गया है। पुल जम्मू से सड़क मार्ग से लगभग 80 किलोमीटर दूर है।

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यहां देखें वीडियो
 


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जम्मू और कश्मीर में कटरा और रियासी को जोड़ने वाला अंजी खड्ड ब्रिज भारतीय रेलवे पर देश का पहला केबल आधारित ब्रिज है। पुल राष्ट्रीय परियोजना, उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का एक हिस्सा है। यह पुल हिमालय के पहाड़ों में स्थित है, पुल को बनाने में काफी चुनौतियां थी और आगे भी यह पुल भूकंपीय प्रवृत्ति के नवीन मोड़दार पर्वत के लगातार बदलते अंतर से लोहा लेना है। पुल की कुल लंबाई 725.5 मीटर है। 

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केबल आधारित पुल में 96 केबल लगे हैं। यानी प्रत्येक लेटरल और सेंट्रल स्पैनों पर 48 केबलों को डिजाइन किया गया है। इन केबलों का कुल भार 848.7 एमटी है। मौजूदा वक्त में कुल 47 सैगमेंटों में से केबलों के सपोर्ट की आवश्यकता वाले 44 सैगमेंट लांच कर दिए गए हैं। शेष 3 सैगमेंटों को डिजाइन के अनुसार बिना स्टे केबलों के लांच किया जाएगा। बता दें रेल मंत्री के ट्वीट को कोट करते हुए पीएम मोदी ने इसे शानदार बताया है।

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