नीतीश की जीतन राम मांझी की जड़ पर तगड़ी चोट, माउंटैनमैन दशरथ मांझी का बेटा-दामाद जेडीयू में शामिल

 
Nitish Kumar and Jitan Ram Manjhi

सियासी गलियारे में माना जा रहा है कि मुसहर समाज नीतीश कुमार से दूर हो जाएगा। इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए नीतीश कुमार एक के बाद एक स्टेप ले रहे हैं ताकि पार्टी को कोई नुकसान नहीं हो।

 

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जीतन राम मांझी पूरी तरह अलग हो गए। पूर्व सीएम के चले जाने से हुई क्षति की भरपाई में नीतीश कुमार नई नई रणनीति बना रहे हैं। पहले उन्होंने मुसहर समाज से आने वाले रत्नेश सदा को संतोष सुमन की जगह मंत्री बना दिया। अब माउंटेन मैन दशरथ मांझी के परिवार के 2 सदस्यों को पार्टी में शामिल कराने में जदयू कामयाब हो गई है।

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दरअसल नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी की जड़ पर प्रहार किया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नीतीश कुमार से अलग होने के बाद सियासी गलियारे में माना जा रहा है कि मुसहर समाज नीतीश कुमार से दूर हो जाएगा। इसके लिए नीतीश कुमार एक के बाद एक स्टेप ले रहे हैं। शुक्रवार को माउंटेन मैन के रूप में जाने जाने वाले स्वर्गीय दशरथ मांझी के परिवार के दो सदस्यों को जदयू में शामिल कराने में नीतीश की पार्टी के नेता कामयाब रहे। इससे पहले रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।  दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी और दामाद मिथुन माझी ने जदयू की सदस्यता ले ली है।

जब दोनों जदयू में शामिल हुए तो पार्टी के बड़े लीडर मौजूद थे। पार्टी कार्यालय में मिलन समारोह हुआ जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री विजय चौधरी, संजय झा, अशोक चौधरी रत्नेश सदा के अलावा प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा मौजूद थे। सब ने एक साथ भागीरथ माझी और मिथुन मांझी को जदयू में शामिल होने पर बधाई दी।

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दरअसल जीतन राम मांझी मुसहर समाज के स्थापित नेता हैं। यह समाज नीतीश कुमार की शराबबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। समय-समय पर जीतन राम मांझी इसका संदेश नीतीश कुमार तक पहुंचाते रहते थे। मुसहर जाति के बहुत सारे लोग शराबबंदी के कारण जेल गए।

नीतीश कुमार को यह डर था कि जीतन राम मांझी इसे हथियार बनाकर नीतीश कुमार को डैमेज कर सकते हैं। इसी डैमेज कंट्रोल के लिए माउंटेन मैन दशरथ मांझी के नाम का जदयू ने सहारा लिया। उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी में शामिल कर जदयू यह मैसेज देना चाहती है कि मुहर समाज के लिए उन लोगों के दिलों में कितना मान सम्मान और स्थान है। पार्टी नेताओं ने इस मौके पर कहा कि नीतीश कुमार मुसहर समाज की तरक्की और बेहतरी के लिए बहुत काम किया। जीतन राम  मांझी कुछ नहीं कर सके। यह भी जताने की कोशिश की गई कि मुसर समाज के आइकॉन दशरथ मांझी हैं न कि जीतन राम मांझी।

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बताते चलें जब पहली  बार केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के चाणक्य अमित शाह और जीतन राम मांझी के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई तो कई तरह की सियासी बयानबाजी हुई। सफाई में जीतन राम मांझी ने कहा था कि पर्वत पुरुष दशरथ मांझी को भारत रत्न देने के लिए केंद्र सरकार  मांग रखी गई है । इसी काम के लिए  मंत्री से मिलने आया था। नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि तभी से उन्हें जीतन राम मांझी के नियत पर शक हो गया था।

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