राजस्थान DoIT के ज्वॉइंट डायरेक्टर सस्पेंड, सोने के बिस्किट और करोड़ों की नकदी रखने का आरोप, रिश्वत के पैसे ऑफिस में रखते थे 

 
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एक दिन पहले एसीबी ने वेद प्रकाश को अदालत में पेश किया। एसीबी के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

 

जयपुर। राजस्थान के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी वेद प्रकाश यादव के कार्यालय से करोड़ों रुपये की नकदी और सोने के बिस्किट बरामद होने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। शनिवार (20 मई, 2023) को उनके कार्यालय पर छापेमारी हुई थी, जिसमें 2.31 करोड़ रुपये नकद और एक किलो सोने के बिस्किट बरामद हुए थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को सौंप दिया गया था।

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एक दिन पहले एसीबी ने वेद प्रकाश यादव को अदालत में पेश किया। एसीबी के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि वेद प्रकाश को सीसीटीव फुटेज में कार्यालय के बेसमेंट की अलमारी का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था। उन्होंने बताया कि यादव ने 2016 में नोटबंदी के दौरान करीब 38 लाख रुपये में अंबाबाड़ी से सोने का बुलियन खरीदा था।

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अधिकारी ने बताया कि जयपुर के सरकारी कार्यालय योजना भवन के बेसमेंट में अलमारी में रखे बैग में 2.31 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और करीब 1 किलो सोने के बिस्किट मिले हैं। पुलिस ने 102 सीआरपीसी के तहत इन नोटों को जब्त कर लिया है और इस मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है। इसके अलावा, विभाग के 7-8 लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

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ऐसे पता चला तहखाने की अलमारी का
शुक्रवार की रात कार्यालय की फाइलों के डिजिटलीकरण में लगे कर्मियों ने जब योजना भवन के तहखाने में रखी अलमारी खोली तो उन्हें एक ट्रॉली सूटकेस मिला, जिसमें 2,000 और 500 रुपये के नोट थे। जब नोटों की गिनती की गई तो उनकी कुल कीमत 2.31 करोड़ रुपये से अधिक थी। आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि करीब 50 कर्मचारियों से पूछताछ और एक महीने की अवधि के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने के बाद तहखाने में रखी अलमारी के अंदर बैग रखने का फुटेज मिला। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान यादव ने अलग-अलग लोगों से रिश्वत के रूप में यह रकम लेने की बात स्वीकार की है।

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इस राशि को वह घर ले जाने के बजाय कार्यालय में ही रखता था। पुलिस ने उनके अंबाबाड़ी वाले घर की भी तलाशी ली और वहां से कई दस्तावेज जब्त किए। यादव को एक प्रोग्रामर के रूप में भर्ती किया गया था और वह पिछले 20 सालों से विभाग का भंडार प्रभारी था। वह 2019-20 में ज्वाइंट डायरेक्टर बना था। पुलिस ने कहा कि आरोप है कि यादव ने सरकारी विभागों को सीसीटीवी कैमरे, कंप्यूटर और एलईडी स्क्रीन की आपूर्ति करने वाली कंपनियों से रिश्वत ली थी।

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