Rajasthan Election: सरदारपुरा से अशोक गहलोत लड़ेंगे चुनाव, प्रस्ताव पारित; जानिए समीकरण

 
ashok gehlot

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे। सरदारपुरा सीट के लिए किसी ने आवेदन नहीं भरा है। ब्लाक कांग्रेस कमेटी ने एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया है।

जयपुर। Sardarpura Vidhansabha Seat Ashok Gehlot :राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे। सीएम गहलोत यहां से सीटिंग विधायक है। कांग्रेस का प्रत्याशी बनने के लिए बुधवार को ब्लॉक स्तर पर आवेदन देने के लिए कांग्रेसियों में जोरदार उत्साह नजर आया। लेकिन सरदारपुरा सीट के लिए किसी ने आवेदन नहीं भरा है। बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुन: प्रत्याशी बनाने का आग्रह का प्रस्ताव पारित किया गया। बाकी दो सीटों पर लोगों ने अपनी दावेदारी जताई है। ऐसे में मान जा रहा है कि गहलोत इस बार भी सरदारपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।  वर्ष 1998 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद 1999 में तत्कालीन विधायक मानसिंह देवड़ा ने यह सीट गहलोत के लिए खाली की थी। इसके बाद से गहलोत यहां से लगातार जीत रहे हैं।

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गहलोत के लिए एक लाइन का प्रस्ताव
सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र की महामन्दिर और उदयमंदिर ब्लॉक कमेटी की संयुक्त बैठक एक होटल में आयोजित हुई। अध्यक्षता ब्लॉक अध्यक्ष भंवरलाल हटबाल और डॉ हेमसिंह गहलोत ने की. डॉ हेमसिंह गहलोत ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुनः प्रत्याशी बनें। जिसका बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया। जोधपुर की 10 विधानसभा सीटों में सबसे वीआईपी सीट सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र है। इस सीट से पिछले 25 सालों से अशोक गहलोत विधायक है। इसी सीट से ही वो तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। यानी यह वह सीट है जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए लकी भी है और कांग्रेस के लिए अभेद्द गढ़ भी है।  सरदारपुरा सीट माली बाहुल्य सीट मानी जाती है. इस सीट से अब तक सबसे ज्यादा बार माली उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। हालांकि इस सीट पर अल्पसंख्यक, जाट, राजपूत, महाजन और ओबीसी मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है। लेकिन इसके बावजूद पिछले 25 सालों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही यहां से चुनते आ रहे हैं।

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गहलोत सरदारपुरा से लगातार जीत रहे हैं चुनाव
साल 1998 में अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे. इस चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई और अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री चुना गया। लेकिन गहलोत ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था, लिहाजा ऐसे में सरदारपुरा सीट से विधायक मानसिंह देवड़ा ने अपनी सीट खाली कर अशोक गहलोत को दी। 1999 के उपचुनाव में अशोक गहलोत ने पहली बार सरदारपुरा सीट से विधायकी की ताल ठोकी और उन्होंने 49,280 वोटो से अपने प्रतिद्वंदी मेघराज लोहिया को शिकस्त दी। 2018 का विधानसभा चुनाव एक बार फिर कांग्रेस के अशोक गहलोत बनाम बीजेपी के शंभू सिंह खेतासर का था। इस चुनाव में बीजेपी के शंभू सिंह खेतासर को 51,484 मतदाताओं का समर्थन प्राप्त हुआ तो वहीं अशोक गहलोत ने 97,081 वोटों के साथ जीत हासिल की और एक बार फिर राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए। 

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