नए संसद भवन के उद्घाटन पर सियासी संग्राम, बीजेपी हुई विपक्ष पर हमलावर, इतिहास याद दिलाकर दिखाया आईना

New Parliament Building Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का विपक्ष दलों द्वारा सामूहिक बहिष्कार के ऐलान के बाद सत्ताधारी बीजेपी भी इस मुद्दे पर आक्रामक हो गई है। पार्टी नेताओं ने ऐसे कई मौके गिनाए, जहां तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में सदन का उद्घाटन किया गया।
नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर इन दिनों सियासी संग्राम जोरों पर है। कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दलों ने इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। विपक्ष दलों द्वारा सामूहिक बहिष्कार के इस ऐलान के बाद सत्ताधारी बीजेपी भी इस मुद्दे पर आक्रामक हो गई है और ऐसे मौके गिनाए जहां तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में सदन का उद्घाटन किया गया था।
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दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक ट्वीट से हुई थी, जिसे उन्होंने नए संसद भवन का प्रधानमंत्री नरेंद्र द्वारा उद्घाटन किए पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि ‘राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री को।’
वहीं अब असम के मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘पिछले 9 वर्षों में 5 गैर-बीजेपी/विपक्षी राज्य सरकारों ने या तो नए विधानसभा भवन का शिलान्यास या उद्घाटन किया। यह सब या तो मुख्यमंत्री ने या फिर पार्टी अध्यक्ष द्वारा किया गया। एक भी मौके पर राज्यपाल या राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया था।’
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अपने ट्वीट में उन्होंने इनमें कुछ मौकों का जिक्र भी किया है। उन्होंने लिखा है, ‘वर्ष 2014 में झारखंड और असम के नए विधानसभा भवन का शिलान्यास यूपीए के मुख्यमंत्रियों ने किया। राज्यपाल को न्यौता नहीं। 2018 में आंध्र के मुख्यमंत्री ने नए विधानसभा भवन का शिलान्यास किया, राज्यपाल को न्यौता नहीं। वर्ष 2020 में सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का शिलान्यास किया, राज्यपाल को न्यौता नहीं। वर्ष 2023 में तेलंगाना के विधानसभा भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया, इसमें भी राज्यपाल को न्यौता नहीं।’
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वहीं बीजेपी नेताओं ने कुछ और भी ऐसे ही मौके गिनाए हैं। उन्होंने बताया, ‘वर्ष 2011 में यूपीए-2 सरकार के वक्त मणिपुर के इंफाल में नई विधानसभा का उद्घाटन पीएम मनमोहन सिंह के साथ यूपीए चेयरपेर्सन सोनिया गांधी ने किया था। उस वक्त मणिपुर के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह मौजूद थे, लेकिन राज्यपाल को न्यौता नहीं दिया गया था। इसके अलावा वर्ष 2010 में तमिलनाडु विधानसभा की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में भी तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी मौजूद रही थी। इस वक्त तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करुणानिधि भी मौजूद थे। वहीं बिहार में सेंट्रल हॉल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था।
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इनमें से प्रत्येक मामले में सीएम शामिल रहे हैं। कुछ में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह भी शरीक हुए थे, लेकिन संसद सदस्यता के अलावा किसी अन्य पद पर नहीं होने के बावजूद सोनिया गांधी के मौजूद रहने पर बीजेपी सवाल खड़े कर रही है।
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