अब अतीक के दफ्तर में किसका खून? टूटी चूड़ियां, जगह-जगह धब्बे और मिला चाकू

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के नौवें दिन यानी सोमवार को प्रयागराज के चकिया स्थित उसके दफ्तर में जगह-जगह खून के धब्बे मिले हैं। कुछ टूटी चूड़िया और सब्जी काटने वाला एक चाकू मिला है।
प्रयागराज। Atiq' s Office: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के नौवें दिन यानी सोमवार को प्रयागराज के चकिया स्थित उसके दफ्तर में जगह-जगह खून के धब्बे मिले हैं। इसके साथ ही दफ्तर में कुछ टूटी चूड़िया और सब्जी काटने वाला एक चाकू भी मिला है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है। पुलिस ने कहा है कि जल्द ही जांच से साफ हो जाएगा कि दफ्तर में बिखरा खून किसका है?
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बता दें कि अतीक के इसी दफ्तर से 21 मार्च को पुलिस ने 72 लाख 37 हजार रुपये, विदेश पिस्टल समेत 10 असलहे, मैगजीन, 112 कारतूस और छह मोबाइल बरामद किए थे। माफिया अतीक के इस दफ्तर पर दो-दो बार बुलडोजर चल चुका है। बताया जाता है कि दफ्तर 2007 तक गुलजार रहता था लेकिन सूबे में बसपा की सरकार बनने के बाद से यहां सन्नाटा रहने लगा। 2012 में अखिलेश सरकार बनने के बाद यहां फिर सरगर्मियां बढ़ीं। हालांकि कुछ समय बाद ही समाजवादी पार्टी ने अतीक से पल्ला झाड़ लिया था।
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सील क्यों नहीं किया गया दफ्तर
अतीक के दफ्तर में खून के धब्बे मिलने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर उमेश पाल हत्याकांड और उसके बाद से चल रही तमाम कार्रवाईयों के बीच माफिया अतीक के इस दफ्तर को सील क्यों नहीं किया गया? बताया जा रहा है कि यह दफ्तर कई तरफ से खुला है और यहां कोई भी आ-जा सकता है। खून के धब्बे मिलने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कहा कि सबसे पहले जांच की जा रही है कि खून किसका है। एएसपी ने कहा कि दफ्तर को पूरी तरह सुरक्षित किया जाएगा।
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ये दफ्तर कभी रहता था गुलजार
अतीक अहमद का ये दफ्तर कभी गुलजार रहता था लेकिन 2007 में बीएसपी सरकार बनने के बाद अतीक पर शिकंजा कसा तो इस दफ्तर पर सन्नाटा पसरा नज़र आने लगा। अतीक ने चकिया में चौफटका रेलवे ओवरब्रिज के पास अवैध ढंग से दफ्तर बनवाया था। 2008 में सरकार के निर्देश पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने अतीक और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया।
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