NDA के घटक दलों का पूर्व PM वाजपेयी की समाधि 'सदैव अटल' पर जमावड़ा, श्रद्धांजलि या एकता प्रदर्शन?

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में एक थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था। इसके बाद,वह 1998 में 13 महीने के लिए फिर PM बने थे।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पांचवीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर उनकी समाधि स्थल 'सदैव अटल' पर जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी 'भारत रत्न' वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित की। कई केंद्रीय मंत्रियों और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों के नेताओं ने भी पुण्यतिथि पर वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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श्रद्धांजलि देने वाले एनडीए सहयोगियों में प्रफुल्ल पटेल भी वहां मौजूद थे, जो अजित पवार के नेतृत्व में हुए विद्रोह के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार से अलग हो गए थे। उनके अलावा AIADMK के एम थंबीदुरई, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) नेता अनुप्रिया पटेल, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) के प्रमुख सुदेश महतो, नेशनल पीपुल्स पार्टी की सांसद अगाथा संगमा और तमिल मनीला कांग्रेस के प्रमुख जीके वासन भी वहां मौजूद थे।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "अटल जी ने करोड़ों दिलों पर राज किया... कई पीढ़ियां उनसे प्रेरित हुईं हैं। " उन्होंने कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने सहयोगियों की संख्या में वृद्धि देखी है। हम उनके साथ काम कर रहे हैं। हम एक साथ चुनाव लड़ेंगे और पीएम मोदी को जीत दिलाएंगे... जब उन्हें 2024 में तीसरा मौका मिलेगा, तब हम तीसरी बार पूरे देश में विकास की लहर लाएंगे।"
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ऐसा पहली बार हुआ है जब भाजपा ने 'सदैव अटल' स्मारक पर पूर्व प्रधान मंत्री की पुण्य तिथि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एनडीए सहयोगियों को आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया था। यह अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए महत्वपूर्ण है, जिसमें भाजपा को एकजुट विपक्षी गठबंधन INDIA का सामना करना पड़ेगा।
जब से विपक्षी दल भारी संख्या बल वाली सत्ताधारी पार्टी का मुकाबला करने के लिए एकजुट हुए हैं, तब से भाजपा एनडीए में अपने सहयोगियों को एकजुट करने में जुटी है। पिछले महीने, जब इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल बेंगलुरु में मिले थे, तब भाजपा ने शक्ति प्रदर्शन के लिए दिल्ली में 38 दलों की एक मेगा बैठक आयोजित की थी।
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इस अवसर पर प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया। 'सदैव अटल' वाजपेयी जी का स्मारक है। वर्ष 2018 में आज ही के दिन दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, "अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने में भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मैं भी शामिल हूं। उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभ हुआ। उन्होंने हमारे देश की प्रगति को बढ़ावा देने और इसे विभिन्न क्षेत्रों में 21 वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व से और सुशासन पर उनके ध्यान से एक महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत के भाग्य को आकार मिला। उन्होंने कहा कि वाजपेयी की विरासत सभी को प्रेरित करती है। बिरला ने कहा, ''पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उनके समाधि स्थल पर भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की।''
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बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में एक थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था। इसके बाद, वह 1998 में फिर प्रधानमंत्री बनें और उन्होंने 13 महीने तक इस पद को संभाला। वर्ष 1999 में वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया।
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