भारतीय रेलवे ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा! हुबली निकला आगे गोरखपुर रह गया पीछे, पूरी दुनिया में चर्चा

 
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कर्नाटक के हुबली में दुनिया का सबसे रेलवे प्लेटफॉर्म तैयार हो गया है। यह स्टेशन 1,507 मीटर लंबा है और करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।

 

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है और वर्षों पुराने इतिहास व उपलब्धियों को लेकर कई मामलों में अव्वल है। इसी कड़ी में इंडियन रेलवे ने एक और रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है। कर्नाटक के हुबली में दुनिया का सबसे रेलवे प्लेटफॉर्म बना है। हुबली स्टेशन पर 1,507 मीटर सबसे लंबे प्लेटफॉर्म को करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ ने इस रिकॉर्ड को मान्यता दी है। हालांकि, इससे पहले यह खिताब भारत के ही गोरखपुर जंक्शन के नाम था।

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इस रेलवे प्लेटफॉर्म को लेकर दावा है कि यह न केवल देश का बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफॉर्म है। श्री सिद्धारूढ़ स्वामीजी रेलवे स्टेशन हुबली, कर्नाटक का एक महत्वपूर्ण जंक्शन और व्यापारिक केंद्र है।

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कर्नाटक में देश और दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म
दक्षिण पश्चिम रेलवे हुबली का दावा है कि यह प्लेटफॉर्म न केवल देश का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है, बल्कि दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म भी है। वहीं, यूपी में गोरखपुर जंक्शन का दूसरा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है, जिसकी लंबाई 1,366.33 मीटर है। इसके बाद केरल में कोल्लम जंक्शन तीसरा सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी ट्वीट करके इस स्टेशन और प्लेटफॉर्म से जुड़ा वीडियो शेयर किया।

हुबली के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनीश हेगड़े ने टीओआई को बताया कि हुबली यार्ड के पुनर्निर्माण के हिस्से के रूप में सबसे लंबे प्लेटफॉर्म का निर्माण किया गया था। इससे पहले हुबली स्टेशन पर पांच प्लेटफॉर्म थे लेकिन ज्यादा ट्रैफिक को संभालने के लिए क्षमता बढ़ाने की जरूरत थी।


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दरअसल शहर की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए मौजूदा 5 प्लेटफॉर्म के अलावा 3 नए प्लेटफॉर्म जोड़े गए हैं, जिनमें से प्लेटफॉर्म नंबर 8 की साइज 1507 मीटर है, जिसने दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म का खिताब हासिल किया है। सबसे लंबे प्लेटफॉर्म से एक साथ दो ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से हरी झंडी दिखाई जाएगी। इस सबसे लंबे प्लेटफॉर्म के निर्माण पर 21.1 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यार्ड रीमॉडेलिंग का काम नवंबर 2019 में शुरू हुआ जो कि सितंबर 2022 में जाकर पूरा हुआ।

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