शिवसेना पर दावे के केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले पाते, जानिए क्यों...

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष को 39 विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने से नहीं रोका जाता तो शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले पाते। CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी। मामले में सुनवाई गुरुवार को भी होगी। शिंदे गुट ने कोर्ट को बताया कि, अगर 39 विधायक विधानसभा से अयोग्य हो जाते, तो भी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर जाती क्योंकि वह बहुमत खो चुकी थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शक्ति परीक्षण से पहले इस्तीफा दे दिया था। शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार का बनना सुप्रीम कोर्ट के 27 जून, 2022 (अध्यक्ष को लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने से रोकना) और 29 जून, 2022 (विश्वास मत की अनुमति देना) के दो आदेशों का रिजल्ट था।
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कौल ने कहा, कि 29 जून, 2022 के बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था क्योंकि उन्हें पता था कि उनके पास बहुमत नहीं है। पिछले साल 4 जुलाई को हुए फ्लोर टेस्ट में उनके गठबंधन को केवल 99 वोट मिले थे, क्योंकि एमवीए के 13 विधायक मतदान से अनुपस्थित थे। पिछले साल चार जुलाई को शिंदे ने राज्य विधानसभा में भाजपा और निर्दलीयों के समर्थन से बहुमत साबित किया था। 288 सदस्यीय सदन में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था, जबकि 99 ने इसके विरोध में मतदान किया था।
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शिंदे गुट ने कोर्ट को शिवसेना और भाजपा के चुनाव पूर्व गठबंधन के बारे में जानकारी दी। साथ ही शिवसेना पार्टी के अधिकार पर अपना दावा दोहराया। शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील एनके कौल ने पीठ को बताया कि उनका गुट शिवसेना से अलग नहीं हुआ है, वह पार्टी के भीतर एक प्रतिद्वंद्वी गुट हैं। शिंदे गुट को शिवसेना के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए क्योंकि वे पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिवसेना नाम निशान छिनने के बाद अब उद्धव गुट में बचे सांसदों और विधायकों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। शिंदे गुट के विधायक और महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी के चीफ व्हीप भरत गोगावले ने कहा, शिवसेना एक है। पार्टी का नाम और निशान हमारे पास है।
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गोगावले ने कहा, उद्धव गुट के विधायकों और सांसदों को पार्टी के निर्देश का पालन करना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम देखेंगे कि दो सप्ताह बाद उनके साथ क्या करने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट को हमने आश्वस्त किया है कि पार्टी कम से कम दो सप्ताह तक ऐसे किसी भी नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी जो हमारे आदेशों के खिलाफ जाते हैं। गोगावले ने बताया कि लोकसभा में भी हम शिवसेना के चीफ व्हीप को बदलेंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्दी ही इसकी घोषणा करेंगे। अभी उद्धव गुट के कई विधायक हैं जो हमारे साथ आना चाहते हैं। फिलहाल हम किसी के खिलाफ एक्सन नहीं लेंगे, लेकिन पार्टी का व्हीप सिर्फ इसलिए होगा कि सभी विधायक विधानसभा के सत्र में मौजूद रहें।
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