प्रभारी रंधावा नहीं सुलझा पाए गहलोत-पायलट विवाद, बोले- अतीत की नहीं भविष्य की बात करो

जयपुर। राजधानी के बनते-बिगड़ते मौसम में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी मामले को लेकर हमलावर हैं। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट औऱ प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी से हुई मुलाकातों ने कई नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं। हालांकि रंधावा तमाम दावों के बावजूद अभी तक गहलोत और पायलट का विवाद नहीं सुलझा पाए हैं। वे इस मुद्दे पर खुलकर बोल भी नहीं पा रहे हैं। आखिर गहलोत–पायलट को वे बातचीत के लिए कब तक एक टेबल पर ला सकेंगे? रंधावा ने इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं दिया। बोले- मैं पास्ट (अतीत) की बात नहीं करता। फ्यूचर (भविष्य) की बात करता हूं। हालांकि पिछली गलतियों से भी सबको सबक लेना चाहिए कि आगे से ऐसी गलतियां ना हों।
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रंधावा ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका अब एक ही एजेंडा है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार कैसे रिपीट हो। इसके लिए उन्होंने मंत्रियों से भी कहा है कि वे जिस जिले से हैं वहां से रजिल्ट चाहिए। वे सरकार के साथ-साथ संगठन के लिए भी काम करें। क्योंकि जब चुनाव में वोट मांगने जाएंगे तो वहां संगठन ही काम आएगा। आखिर मंत्री पद से बड़ी और क्या जिम्मेदारी हो सकती है।
रंधावा ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को 'राजनीति का एनसाइक्लोपीडिया' बताते हुए कहा कि उनके पास अच्छा राजनीतिक अनुभव है। जोशी को राजस्थान की राजनीति की गहरी समझ है। एक-एक विधानसभा के बारे में मैंने उनसे बात की है और फीडबैक लिया है। उनसे कई मुद्दों पर सलाह भी ली है। दोनों नेताओं की करीब सवा घंटे तक मुलाकात चली।
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मंत्रिमंडल में फेरबदल की अभी कोई जरूरत नहीं
एक सवाल के जवाब में प्रदेश प्रभारी रंधावा ने मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावनाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि उनके हिसाब से अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर भी अगर सभी लोग कहेंगे तो मंत्रिमंडल फेरबदल पर विचार किया जा सकता है। उनके इस बयान के मायने हैं कि अब विधानसभा चुनाव में बहुत कम समय बचा है। इसलिए आखिरी वक्त में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल फेरबदल करने से बचेंगे।
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बन रही है प्रदेश कांग्रेस कमेटी
रंधावा ने संगठन को लेकर कहाकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी बन रही है। इसके लिए मैं पार्टी के सभी नेताओं से सलाह-मशविरा कर रहा हूं। सभी लोगों से बात करके ही फैसला किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ब्लॉक से लेकर जिला इकाइयों तक अधिकांश संगठनात्मक नियुक्तियां की जा चुकी हैं। संगठन में अन्य पदों पर नियुक्तियां करने का दौर जारी है।
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