IMD Monsoon Update: मॉनसून पर मौसम विभाग ने दिया बड़ा अपडेट, जानें कब होगी एंट्री

देशभर में लोगों को गर्मी ने परेशान करना शुरू कर दिया है। चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के बीच मौसम विभाग ने मॉनसून पर बड़ा अपडेट दिया है। मौसम विभाग की मानें तो इस बार केरल में मॉनसून की एंट्री देरी से होनी है। आइए जानते हैं IMD ने किस तारीख में मॉनसून की एंट्री की बात कही है।
नई दिल्ली। मई की गर्मी और चिलचिलाती धूप ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। तापमान 40 डिग्री के पार जा रहा है। इस बीच अब लोगों को मॉनसून की बारिश का इंतजार है। हालांकि, मौसम विभाग ने मॉनसून को लेकर परेशान करने वाली जानकारी सामने रखी है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल मॉनसून थोड़ी देरी से आ सकता है। मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस साल मॉनसून 04 जून तक एंट्री लेगा।
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आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून को केरल में प्रवेश करता है। हालांकि, इस बार मॉनसून के केरल में प्रवेश करने की तारीख 04 जून बताई जा रही है। मौसम विभाग ने मंगलवार को जो जानकारी दी उसके मुताबिक, केरल में मॉनसून की शुरुआत सामान्य से चार दिन की देरी पर होगी। पिछले साल मॉनसून ने केरल में जल्दी एंट्री ली थी। 29 मई को पिछले साल मॉनसून की एंट्री हो गई थी। इससे पहले साल 2021 में मॉनसून की एंट्री 03 जून को हुई थी। वहीं, 2020 में मॉनसून की एंट्री जून 01 को हुई थी।
मौसम विभाग ने पिछले महीने बताया था कि इस साल भारत में सामान्य बारिश होनी है। अल-नीनो के बावजूद भी इस साल भारत में सामान्य बारिश दर्ज की जाएगी। पिछले महीने मौसम विभाग ने जो जानकारी दी थी उसके मुताबिक, मॉनसून के दौरान 96% औसत वर्षा की भविष्यवाणी है। हालांकि, इसमें 5% कम या ज्यादा का अंतर हो सकता है। इस दौरान सामान्य बारिश देखने को मिल सकती है जबकि अगस्त-सितंबर में मॉनसून का दूसरा भाग पर अल-नीनो का प्रभाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान बारिश सामान्य से कम रहने की उम्मीद है।
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क्या है अल-नीनो और ला-नीना?
अमेरिकन जियोसाइंस इंस्टिट्यूट के अनुसार, अल-नीनो और ला-नीना शब्द का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है, जिसका दुनियाभर के मौसम पर प्रभाव पड़ता है। अल-नीनो की वजह से तापमान गर्म होता है और ला-नीना के कारण ठंडा।
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क्या होता है अल-नीनो?
ट्रॉपिकल पैसिफिक यानी ऊष्ण कटिबंधीय प्रशांत के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आने वाले बदलाव के लिए जिम्मेदार समुद्री घटना को अल-नीनो कहते हैं। इस बदलाव की वजह होती है समुद्री सतह के तापमान का सामान्य से अधिक हो जाना। यानी सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होना। इसकी वजह ग्लोबल वॉर्मिंग भी हो सकती है।
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