मुझे मिले पहला हाफ, बाद में आप, सिद्धारमैया से सुलह को डीके शिवकुमार ने दिया फॉर्मूला

 
rahul gandhi

डीके शिवकुमार ने फॉर्मूला दिया है कि उन्हें तीन या दो साल का जो भी कार्यकाल मिलना है, वह पहले दिया जाए। इसके बाद सिद्धारमैया को मौका मिल जाए। फिलहाल डीके शिवकुमार दिल्ली में ही डटे हुए हैं।

 

नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर बुधवार को खबर आई कि कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगा दी है। लेकिन कुछ ही घंटों के अंदर बात पलट गई और कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अभी तो मंथन ही चल रहा है। अगले 24 से 48 घंटे के अंदर कर्नाटक के मुख्यमंत्री के नाम का फैसला ले लिया जाएगा। अब खबर है कि डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया के साथ मुख्यमंत्री पद शेयर करने का नया फॉर्मूला दिया है। 'आज तक' की रिपोर्ट के मुताबिक डीके शिवकुमार ने फॉर्मूला दिया है कि उन्हें तीन या दो साल का जो भी कार्यकाल मिलना है, वह पहले दिया जाए। इसके बाद सिद्धारमैया को मौका मिल जाए।

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इससे पहले खबर थी कि सिद्धारमैया ने भी ऐसा ही फॉर्मूला दिया है। उन्होंने कहा था कि मेरी उम्र हो गई है और पहले मुझे दो साल के लिए मौका दिया जाए और फिर डीके शिवकुमार को सीएम बनाया जा सकता है। इस पर सवाल पूछा गया तो डीके शिवकुमार ने कहा था कि क्या मुख्यमंत्री पद कोई पूर्वजों की संपत्ति है, जिसे बांट लिया जाए। कहा गया था कि इसके पीछे उनका डर है कि कहीं सिद्धारमैया एक बार कुर्सी संभाल लें तो फिर शायद उन्हें मौका ही ना मिले। इसे लेकर छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार का भी उदाहरण सामने आया, जब 2018 में उनके और टीएस सिंह देव के बीच आधे-आधे कार्यकाल पर फैसला हुआ था।

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ढाई साल बीते तो मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा हुई, लेकिन भूपेश बघेल ने सरकार की कमान छोड़ने से इनकार कर दिया। अंत में अदावत इतनी हुई कि 2022 में टीएस सिंह देव ने कैबिनेट ही छोड़ दी। दरअसल डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम के साथ अहम मंत्रालय देने का भी प्रस्ताव मिला है, लेकिन उन्होंने खारिज कर दिया। उन्हें लगता है कि यह सही मौका है, जब वह सीएम पद के दावेदार हैं क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने जीत दिलाई। वह गांधी परिवार से किए अपने वादे को दोहरा भी चुके हैं कि मैंने अपनी बात पूरी की है, अब हाईकमान को फैसला लेना है।

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फैसला होने तक दिल्ली में ही डटे रहेंगे डीके शिवकुमार
फिलहाल मीटिंगों का दौर जारी है। सुबह ही राहुल गांधी ने पहले सिद्धारमैया से मुलाकात की तो फिर बाद में डीके शिवकुमार भी मिलने पहुंच गए। इसके बाद डीके शिवकुमार ने सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मीटिंग की है। कहा जा रहा है कि सीएम पद का मसला हल होने तक डीके शिवकुमार ने दिल्ली में ही डटे रहने का फैसला लिया है।

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