Go First की प्लाइट्स जल्द हो सकती हैं फिर शुरू, एयरलाइन को मिली 400 करोड़ की फंडिंग

सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइन 1 जुलाई से 22 विमानों की मदद से 78 रूटों पर उड़ानें फिर से शुरू कर सकती है। हालांकि, DGCA से इस बारे में हरी झंडी नहीं मिली है। एयरलाइन का कहना है कि गड़बड़ Pratt & Whitney इंजनों की सप्लाई से उसकी वित्तीय हालत खराब हुई। इन इंजनों की वजह से उसके कई विमान उड़ान भरने में सक्षम नहीं हैं।
नई दिल्ली। कैश संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी Go First को राहत मिली है। एयरलाइन के लिए लेंडर्स (कर्ज देने वाले) ने तकरीबन 400 करोड़ रुपये की अंतरिम फंडिंग को मंजूरी दे दी है। मामले से वाकिफ तीन लोगों ने Moneycontrol को इस बारे में जानकारी दी है। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने 24 जून की रात को अतिरिक्त फंडिंग की मंजूरी दे दी। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, डोएचे बैंक, और IDBI बैंक शामिल हैं। GoFirst ने ऑपरेशनल खर्च के लिए इन बैंकों का दरवाजा खटखटाया था, ताकि जल्द से जल्द एयरलाइन का ऑपरेशन ठीक से चल सके।
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Go First के कर्जदाताओं में शामिल एक बैंक के टॉप अधिकारी ने बताया कि बिजनेस प्लान और ऑपरेशन को फिर से शुरू करने के लिए एयरलाइन को तकरीबन 400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। मामले से जुड़े एक और शख्स ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि जरूरत पड़ने पर एयरलाइन को अतिरिक्त फंडिंग भी दी जा सकती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों का GoFirst पर कुल 6,521 करोड़ रुपये बकाया है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एयरलाइन के पास 1,987 करोड़ रुपये है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,430 करोड़ रुपये बकाया है। इसके अलावा, Go First डोएचे बैंक और IDBI बैंक को क्रमशः 1,320 करोड़ और 58 करोड़ रुपये का भुगतान करना है।
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गेंद अब DGCA के पाले में
बैंकों द्वारा मदद किए जाने के बाद अब सबकी नजरें एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) पर है, जो एयरलाइन के आवेदन पर विचार कर रही है। आवेदन में फिर से उड़ाने शुरू करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, 'अब सबकी नजर DGCA पर है, जो विमानों की जांच और अन्य पड़ताल के बाद मंजूरी के बारे में फैसला कर सकता है। उम्मीद है कि एयरलाइन की उड़ानें जल्द शुरू हो जाएंगी।'
टिकटों की बिक्री और अपनी उड़ानें शुरू करने के लिए Go First को एविएशन रेगुलेटर की मंजूरी की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइन 1 जुलाई से 22 विमानों की मदद से 78 रूटों पर उड़ानें फिर से शुरू कर सकती है। एयरलाइन ने हाल ही में 400 करोड़ की फंडिंग के लिए बिजनेस प्लान सौंपा था, ताकि सेवाएं फिर से शुरू की जा सकें।
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क्या था मामला
Go First ने 2 मई को ऐलान किया था कि उसने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT), दिल्ली में इंसॉल्वेंसी प्रोसेस शुरू करने के लिए आवेदन दिया है। एयरलाइन के CEO कौशिक खोना (Kaushik Khona) ने यह जानकारी दी थी। इससे पहले कंपनी ने कहा कि फंड की कमी की वजह से एयरलाइन 3 और 4 मई की फ्लाइट रद्द कर रही है। एयरलाइन कंपनी का कहना है कि गड़बड़ इंजनों ( Pratt & Whitney इंजन) की सप्लाई से उसकी वित्तीय हालत खराब हुई। इन इंजनों की वजह से उसके कई विमान उड़ान भरने में सक्षम नहीं हैं।
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