Defence: भारत का रक्षा सेक्टर होगा और मजबूत, 70 हजार करोड़ से ज्यादा के हथियार खरीदेगी सेना
DAC ने एक खास प्रपोजल एक्सेपटेंस ऑफ नेसेसिटी (AoN) को मंजूरी दी। यह पैसा इसी के तहत जारी होगा।

नई दिल्ली। सरकार देश में बने मिलिट्री हार्डवेयर या डिफेंस इक्युपमेंट्स के लिए 70,584 करोड़ के उपकरण खरीदेगी। यह फैसला डिफेंस अक्वजिशन काउंसिल यानी DAC ने किया है। इसके चेयरमैन डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह हैं।
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DAC की बैठक में भारतीय नौसेना के लिए 60 मेड इन इंडिया UH मरीन हेलिकॉप्टर, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, भारतीय सेना के लिए 307 ATAGS हॉवित्जर तोप, 9 ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर की खरीदी को मंजूरी दी गई है। फाइनेंशियल ईयर 2022 23 के लिए अब कुल 2,71,538 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं। इसका 98.9% हिस्सा भारत में बने सामान खरीदने पर ही खर्च होगा। DAC ने एक खास प्रपोजल एक्सेपटेंस ऑफ नेसेसिटी (AoN) को मंजूरी दी। यह पैसा इसी के तहत जारी होगा।
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यह एक स्पेशल प्रोग्राम है। इसका मकसद भारत में बने उपकरण का हथियार में शामिल करना है। राजनाथ के ऑफिस की तरफ से सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा गया, इससे न सिर्फ इंडियन मैन्यूफेक्चरर्स को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकेग, बल्कि हम आत्मनिर्भर भारत को लक्ष्य को भी पा सकेंगे। सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा कि डिफेंस सेक्टर में फॉरेन वेंडर्स पर डिपेंडेंसी यानी निर्भरता काफी हद तक कम की जा सकेगी।
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वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए 3800 करोड़ रुपए से ज्यादा के 9 धुव्र मार्क चार हेलिकॉप्टरों का अधिग्रहण किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि नौसेना के लिए खरीदे जा रहे UH मरीन हेलिकॉप्टर और धुव्र हेलिकॉप्टर का ही एक वैरिएंट है, जो 2025-26 तक समुद्री सीमाओं की निगरानी और अन्य जरूरतों के लिए तैयार हो जाएगा।
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