मानहानि केस: गुजरात HC से राहुल गांधी को फिलहाल राहत नहीं, छुट्टी के बाद सुनाएगा फैसला कोर्ट

 
rahul gandhi

मालूम हो कि सूरत जिले की एक कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में दायर किए गए आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी पाते हुए राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी। 

 

अहमदाबाद। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से मानहानि केस में दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस नेता को अंतरिम संरक्षण देने से इनकार किया है। गुजरात हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है। दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट गर्मी की छुट्टी के बाद आदेश पारित करेगा। 

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अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा पक्ष
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह पहला मामला है जब मैंने देखा है कि आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम सजा दी गई है। यहां मुझसे ज्यादा अनुभव वाले कई वकील हैं। मुझे संदेह है कि उन्होंने भी इस तरह की सजा के बारे में सुना होगा।

सिंघवी ने कहा कि कोई सबूत उपलब्ध नहीं है। जहां तक गवाह याजी का संबंध है, वे कई वर्षों से भाजपा के सदस्य हैं। उनकी गवाही राहुल गांधी को दोषी ठहराने का एकमात्र सबूत नहीं हो सकती। उसके सबूत को रिकॉर्ड पर मौजूद अन्य सबूत से पुष्ट किया जाना है।

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राहुल के संसदीय क्षेत्र को हो रहा नुकसान
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस नेता पहले से ही संसद सत्रों, संसदीय समितियों की बैठकों आदि से दूर रहे हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को नुकसान हुआ है। वे संसद में अपने क्षेत्र के लोगों के लिए आवाज नहीं उठा पा रहे हैं।

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मौजूदा मामला असाधारण परिस्थितियों के मामले में आता है
वरिष्ठ वकील सिंघवी ने धारा 389 के तहत शक्तियों के संबंध में निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि मौजूदा मामला असाधारण परिस्थितियों के मामले में आता है। सिंघवी ने कहा कि फैसला यह नहीं कहता कि मानहानि एक गंभीर और जघन्य अपराध है। वे किस आधार पर मानहानि को गंभीर अपराध कहते हैं? सिवाय इसके कि आप उस व्यक्ति को नापसंद करते हैं।

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छुट्टियों के बाद फैसला सुनाएगा कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि वह छुट्टियों के दौरान मामले में आदेश पारित करेगा और छुट्टियों के बाद फैसला सुनाएगा। राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील सिंघवी ने कहा कि मैं कोर्ट से गुजारिश करता हूं, कृपया आज कुछ निर्णय लें। इस पर जज ने कहा कि छुट्टी के बाद आदेश पारित किया जाएगा।

मालूम हो कि सूरत जिले की एक कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में दायर किए गए आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी पाते हुए राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी। 

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क्यों हुई थी राहुल को सजा? 
राहुल गांधी की ओर से 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट से उन्हें अमल के लिए कुछ दिन की मोहलत मिली थी। इसके साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई थी। 

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राहुल ने सूरत की कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की थीं। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, 'कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?' इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।

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