बलूचिस्तान खाली करे चीन 90 दिनों के अंदर, नहीं तो खून की नदियां बहा देंगे... पाकिस्तान के बलूच विद्रोहियों ने दी चेतावनी

China Pakistan Relations: बलूचिस्तान के ग्वादर में रविवार को बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) की तरफ से चीनी नागरिकों पर हुआ हमला पाकिस्तान के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। बीएलए ने चीन को 90 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। आतंकी हमले में कई चीनी नागरिकों के मारे जाने की खबरें हैं।
ग्वादर। रविवार सुबह बलूचिस्तान के ग्वादर से चीन को एक बुरी खबर मिली जो पाकिस्तान के लिए मुसीबत बनने वाली है। यहां पर बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला बोल दिया। यह एक आत्मघाती हमला था जिसमें करीब चार चीनी नागरिकों के मारे जाने की खबरें हैं। बीएलए ने इस हमले को 'ऑपरेशन जिर पहजाग' नाम दिया है। रविवार को हुए हमले के बाद उसने अपने मिशन का तीसरा चरण पूरा होने का ऐलान किया। साथ ही साथ उसने 90 दिनों के अंदर चीन को यहां से चले जाने का अल्टीमेटम भी दिया है।
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बलूचिस्तान में बड़ा हमला
बलूचिस्तान का ग्वादर एक पोर्ट सिटी है और यहां पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। चीन के कई कर्मी इन्हीं प्रोजेक्ट्स की वजह से यहां पर मौजूद हैं। बीएलए के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने बताया कि हवाईअड्डे से ग्वादर बंदरगाह की ओर जा रहे चीनी इंजीनियरों के एक काफिले को संगठन की मजीद ब्रिगेड ने निशाना बनाया। सुबह 9 बजकर 18 मिनट के करीब बीएलए ने हमला बोला। जिस काफिले को निशाना बनाया गया उसमें कई गाड़ियां मौजूद थीं। इनमें चीनी इंजीनियर सवार थे और इन्हें भारी सुरक्षा भी मिली हुई थी। इंजीनियर्स पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एटीएफ और एक बख्तरबंद वाहन के सुरक्षा साए में चल रहे थे।
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30 मिनट तक बरसीं गोलियां
बीएलए के मुताबिक हमला चेयरमैन इशाक चौक के न्यायिक परिसर के पास हुआ। बीएलए के आतंकियों ने करीब 30 मिनट तक चीनी इंजीनियरों पर गोलियां बरसाईं। फायरिंग से पहले काफिले को रोकने के लिए हथगोले का इस्तेमाल किया गया। इसका नतीजा था कि हमले में चार चीनी नागरिक और ग्यारह पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। जबकि कई इसमें घायल भी हुए हैं। हमले में नवीद बलूच और मकबूल बलूच दोनों आतंकियों की पहचान बीएलए की तरफ से की गई है। जियांद बलूच ने इन दोनों को उस 'सैनिक' के तौर पर बताया है जो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ तब तक डटे रहे, जब तक गोला-बारूद खत्म नहीं हो गया। इसके बाद उन्होंने 'आखिरी गोली' के सिद्धांत का पालन करते हुए अपनी जान ले ली।
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90 दिनों में खाली करो बलूचिस्तान
बीएलए ने चीन को एक साफ मैसेज भी दिया है। बीएलए ने कहा है कि चीन ने बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया है। साथ ही यहां पर सीपीईसी जैसे प्रोजेक्ट्स चला रहा है जिसका बलूचिस्तान विरोध करता है। बीएलए की मानें तो उन्होंने बार-बार चीन को बलूचिस्तान से दूर रहने के लिए कहा है। बीएलए की मानें तो चीन जो कुछ भी कर रहा है वह सिर्फ बलूच नागरिकों के शोषण के तहत ही आता है। उसने साफ कर दिया है कि जब तक बलूचिस्तान को आजादी नहीं मिलती, किसी भी विदेशी निवेश को इजाजत नहीं मिलेगी। इसके साथ ही बीएलए ने चीन को बलूचिस्तान से हटने के लिए 90 दिनों का अल्टीमेटम दिया। बीएलए ने साफ कर दिया है कि अगर इतने दिनों में चीन वहां से नहीं गया तो फिर उसे और ज्यादा हमलों के लिए तैयार रहना होगा।
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