दिल्ली में यमुना के पानी का उफान कम हुआ तो चढ़ा सियासी पारा, भ्रष्टाचार को बीजेपी ने बताया बाढ़ का कारण

 
Virendra Sachdeva

Delhi Flood: भाजपा ने कहा कि सरकार के इस भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच होनी चाहिए। जिम्मेदारी से बचने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता हथनीकुंड बैराज से छोड़े गये पानी को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। 

नई दिल्ली। यमुना में पानी का उफान कम हो रहा है तो सियासी घमासन चढ़ता जा रहा है। पानी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का करंट तेजी से दौड़ने लगा है। प्रदेश भाजपा ने दिल्ली में आई बाढ़ का मुख्य कारण भ्रष्टाचार बताया है ना कि हथनीकुंड का पानी। भाजपा ने कहा कि सरकार के इस भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच होनी चाहिए। जिम्मेदारी से बचने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता हथनीकुंड बैराज से छोड़े गये पानी को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री बताएं कि फ्लड कंट्रोल ऑर्डर के अंतर्गत जून तक अनिवार्य रूप से की जाने वाली एपेक्स कमेटी की बैठक पिछले दो साल से क्यों नहीं हुई।

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दिल्ली सरकार कितनी लापरवाह है इसका प्रमाण है एपेक्स कमेटी की बैठक न होना। इससे साबित होता है। एपेक्स कमिटी के नोडल अधिकारी डीएम ईस्ट ने मुख्यमंत्री को जून में 3 बार मीटिंग बुलाने के लिए लिखा, बताया गया कि गंभीर स्थिति की चेतावनी है बावजूद मुख्यमंत्री ने बैठक नहीं बुलाई।

सचदेवा ने कहा है कि पानी कब और कितना छोड़ा जायेगा इसका निर्णय जल विशेषज्ञ करते हैं। पानी छोड़े जाने में इस वर्ष दिल्ली सरकार को राजनीति इसलिए दिख रही है क्योंकि इस वर्ष दिल्ली में मानसून पूर्व यमुना तटों की सफाई में, नालों एवं नालियों की सफाई में दिल्ली सरकार के बाढ़ विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल बोर्ड एवं नगर निगम ने घोटाला किया। मंत्री आतिशी व सौरभ भारद्वाज ने यमुना सफाई के साथ नालों की सफाई का सारा फंड पार्टी कोष में जमा करा दिया। मुख्यमंत्री जवाब दें क्या यह सच नहीं की यदि यमुना की सफाई पर पैसा लगाया गया होता तो यमुना के पास बहने की गहराई होती, उसका डूब क्षेत्र साफ होता तो शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी ना आता।

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ऑक्सफोर्ड से पढ़ी आतिशी को बैराज और डैम में अंतर नहीं पता: बांसुरी 
भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को कटघरे में खड़ा किया। कहा कि केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी खुद को ऑक्सफोर्ड से पढ़ी हुई बताती हैं जबकि इतनी पढ़ाई के बावजूद उनके बयान से यह लगता है कि उन्हें बैराज और डैम के बीच में अंतर नहीं पता है। आतिशी बताने की कोशिश कर रही हैं कि हथनिकुंड दिल्ली के लिए अभिशाप है जबकि दिल्ली की 60 फीसदी पानी की अपूर्ति इसी से होती है। हथनिकुंड में लगे दो कैनाल ईस्टर्न जिससे उत्तर प्रदेश की ओर पानी जाता है और वेस्टर्न जिससे पानी हरियाणा और दिल्ली की ओर आता है। ईस्टर्न कनाल से अधिकतम पानी जाने की क्षमता 4000 से 6000 क्यूसेक है और वेस्टर्न कनाल से 15000 से 18000 क्यूसेक पानी जा सकता है।

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बांसुरी ने कहा कि आतिशी को पता होना चाहिए कि सेंट्रल वाटर पॉल्यूशन गाइडलाइन्स है जिसके अनुसार अगर एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी आता है तो उस पानी को नदी में छोड़ना अनिवार्य है ना कि नहर में और यही हरियाणा सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि 2013 में 8 लाख क्यूसेक पानी और 2019 में 8.28 क्यूसेक पानी दिल्ली में छोड़ा गया था लेकिन उस वक्त कोई बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनी लेकिन इस बार मात्र 3.5 लाख क्यूसेक पानी ही छोड़ने से पूरी दिल्ली में जल प्रलय आ गई। इसका कारण है कि केजरीवाल सरकार ने सारा का सारा पैसा अपने भ्रष्टाचार और प्रचार में उड़ा दिए। रिवर्स फ्लो वॉल जो बैक फ्लो को रोकता है, उसकी सरकार ने कभी मरम्मत ही नहीं कराई और वह टूट जाने से सारा का सारा पानी रिवर्स बैक हो गया और शहर का प्रमुख भाग डूब गया।

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