Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस केस में गुजरात सरकार से कहा, दोषियों की रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं

बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में 11 दोषियों को रिहा किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
 
Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस केस में गुजरात सरकार से कहा, दोषियों की रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के दोषियों को समय से पहले रिहा करने के मामले पर सुनवाई की। बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में 11 दोषियों को रिहा किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से दोषियों की रिहाई का कारण पूछा। कोर्ट ने कहा, आज यह बिलकिस के साथ हुआ, कल किसी के साथ भी हो सकता है। 

विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, कॉल 8279269659

कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार से कहा, दोषियों को समय से पहले रिहाई देने से जुड़ी फाइलें पेश करें। अगर आप दोषियों को रिहा करने की वजह नहीं बताते हैं तो हम अपना निष्कर्ष निकालेंगे। कोर्ट ने मामले में केंद्र और राज्य सरकार से 1 मई तक फाइल पेश कर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट में केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से ASG एसवी राजू पेश हुए। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन लगाने पर विचार करेंगे, जिसमें रिहाई की फाइल मांगी गई है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को दोपहर 2 बजे होगी।

यह खबर भी पढ़ें: लंदन से करोड़ों की ‘बेंटले मल्सैन’ कार चुराकर पाकिस्तान ले गए चोर! जाने क्या है पूरा मामला?

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जहां एक गर्भवती महिला के साथ गैंगरेप किया गया और उसके सात रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई। आप सेब की तुलना संतरे से कैसे कर सकते हैं। आप एक व्यक्ति की हत्या की तुलना सामूहिक हत्या से कैसे कर सकते है। यह एक समुदाय और समाज के खिलाफ अपराध है। हमारा मानना है कि आप अपनी शक्ति और विवेक का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करें। दोषियों की रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं। 

यह खबर भी पढ़ें: विदाई के समय अपनी ही बेटी के स्तनों पर थूकता है पिता, फिर मुड़वा देता है सिर, जानें क्यों?

आपको बता दें, गुजरात में गोधरा कांड के बाद 3 मार्च 2002 को दंगे भड़के थे। दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई। दंगाइयों से बचने के लिए बिलकिस अपने परिवार के साथ एक खेत में छिपी थीं। तब बिलकिस की उम्र 21 साल थी और वे 5 महीने की गर्भवती थीं। दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया। उनकी मां और तीन और महिलाओं का भी रेप किया गया। इस दौरान हमलावरों ने बिलकिस के परिवार के 17 सदस्यों में से 7 लोगों की हत्या कर दी। वहीं, 6 लोग लापता हो गए, जो कभी नहीं मिले। हमले में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे। 

Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप

From around the web