ATS की उत्तर प्रदेश के 30 जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी, PFI से जुड़े 50 लोगों को उठाया

उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉयड (ATS) ने एक साथ कई शहरों में रविवार सुबह छापेमारी कर हड़कंप मचा दिया। राजधानी लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ समेत प्रदेश के 30 जिलों में एटीएस ने एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाकर प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े 50 लोगों को हिरासत में लिया है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉयड (ATS) ने एक साथ कई शहरों में रविवार सुबह छापेमारी कर हड़कंप मचा दिया। राजधानी लखनऊ समेत मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ में एटीएस ने एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाकर बड़ी कार्रवाई की। लखनऊ के विकास नगर से भी एटीएस ने एक युवक को उठाया है। युवक को पकड़कर ले जाने का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। साथ ही बीकेटी के अचरामऊ गांव में भी एटीएस ने छापा मारा। इस कार्रवाई में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े 2 लोगों को हिरासत में लिया है।
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बताया जा रहा है कि पीएफआई पर बैन लगने के बाद भी कई मददगार सक्रिय थे। यूपी एटीएस ने दो महीनों की मशक्कत के बाद पीएफआई के खिलाफ प्रदेश स्तरीय सर्च ऑपरेशन चलाया। लगभग 30 जिलों में यूपी एटीएस ने एक साथ छापेमारी कर 50 से अधिक लोग हिरासत में लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है।
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यूपी एटीएस को पीएफआई पर बैन लगने के बाद फॉरेन फंडिंग के इनपुट मिले थे। प्रतिबंधित संगठन PFI को दोबारा सक्रिय करने की कोशिश का इनपुट मिला था। फंडिंग इकट्ठा कर ग्राउंड पर संगठन को सक्रिय करने के इनपुट को लेकर यूपी एटीएस ने प्रदेश भर में यह सर्च ऑपरेशन चलाया।
रिहाई मंच के अध्यक्ष और CAA-NRC में सरकार का विरोध करने पर जेल जाने वाले मोहम्मद शोएब को एटीएस ने घर से गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पीएफआई से जुड़े लोगों के केस लड़ने और उनकी रिहाई भी मोहम्मद शोएब करवाते हैं। हालंकि, पीएफआई से जुड़े लोगों से लिंक जुड़े होने की बात सामने आई है।
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NIA ने भी की छापेमारी
इससे पहले बीते 25 अप्रैल को ही PFI के खिलाफ NIA का बड़ा एक्शन देखा गया था। भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने बड़ा एक्शन लिया था। जांच एजेंसी ने पीएफआई के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी।
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अतीक-अशरफ मामले में भी ATS एक्टिव
बता दें कि बीते दिनों ही यूपी एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ था। एटीएस की जांच में पता चला कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ यूपी के मुस्लिम युवाओं को विदेश भेजकर आतंकी संगठन से जोड़ते थे। इसके एवज में उन्हें हथियारों की खेप मिलती थी। यह हथियार पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब भेजे जाते थे।
यूपी एटीएस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सितंबर 2021 को यूपी एटीएस ने जीशान कमर को पकड़ा था, जिसके बाद अतीक अहमद और अशरफ से उसकी नजदीकी का खुलासा हुआ था।
जीशान कमर सितंबर 2021 में प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था। उस पर पाकिस्तान जाकर हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग और जिहाद में हिस्सा लेने का मामला सामने आया था। वह भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना चाहता था।
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अतीक के भाई ने लिखा था सिफारिशी पत्र
साल 2017 में अतीक के भाई अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को एक सिफारिशी पत्र लिखा था, जिसमें जीशान का पासपोर्ट जल्दी बनाने के लिए कहा था। जीशान की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। ATS ऐसे लोगों के दस्तावेज खंगाल रही है, जिनका पासपोर्ट बनाने के लिए अशरफ और अतीक ने सिफारिश की हो, यह भी जांच की जा रही है कि ऐसे कितने सिफारिशी पत्र भेजे गए।
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अतीक-अशरफ की हो चुकी हत्या
गौरतलब है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल को यूपी के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने हमला उस समय किया था, जब पुलिस दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लेकर पहुंची थी। उसी समय पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीनों हमलावर फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं। तीनों ने पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के सामने अतीक और अशरफ को गोली मारी थी।
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