Atiq Ahmed Story: तांगे वाले का अनपढ़ बेटा कैसे बना UP का सबसे बड़ा गैंगस्टर, जानें पूरी क्राइम कुंडली

अतीक अहमद का जन्म 1960 में प्रयागराज के धूमनगंज कसारी नसारी में हुआ था। 
 
Atiq Ahmed Story: तांगे वाले का अनपढ़ बेटा कैसे बना UP का सबसे बड़ा गैंगस्टर, जानें पूरी क्राइम कुंडली

प्रयागराज। अतीक व अशरफ की हत्या के बाद जयंतीपुर में उमेशपाल के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई। अतीक व अशरफ की हत्या के बाद सुरक्षा में अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी गई। इसके अलावा पूरे शहर में हाईअलर्ट कर दिया गया।

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मात्र 17 साल में अतीक ने जरायम की दुनिया में अपना पहला कदम रखा था जब उसने 1979 में मोहम्मद गुलाम की हत्या कर दी थी। यह मुकदमा खुल्दाबाद थाने में दर्ज हुआ था जिसके बाद अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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अतीक अहमद का जन्म 1960 में प्रयागराज के धूमनगंज कसारी नसारी में हुआ था। पिता तांगा चालक हाजी फिरोज अहमद कुश्ती के शौकीन थे। पिता के नक्शेकदम पर चलते अतीक भी कुश्ती लड़ता था। इसी वजह से इलाके में लोग उसे पहलवान नाम से भी बुलाते थे। पढ़ाई में मन नहीं लगने के चलते अतीक ने इंटर तक ही पढ़ाई की। इसके बाद 17 साल की उम्र में इलाके में ही रंगदारी वसूलने लगा। पहली रंगदारी अपने मोहल्ले में ही वसूली। धीरे-धीरे उसका नाम प्रयागराज के माफिया चांद बाबा और कपिल मुनि करवरिया से ऊपर गिना जाने लगा। वह पूरे प्रदेश में जमीन कब्जा करना, हत्या, लूट, डकैती और फिरौती की घटनाओं को अंजाम देने लगा।

अतीक की आपराधिक गतिविधि पर लगाम लगाने के लिए यूपी सरकार ने 1985 में गुंडा और 1986 में गैंगस्टर की कार्रवाई की। साथ ही और कड़ी निगरानी के लिए 17 फरवरी 1992 को इसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई, जिसका हिस्ट्रीशीट नंबर 39 ए था। उसके गैंग का नंबर आईएस -227 था।

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अतीक ने माफिया का रसूख हासिल करने के बाद राजनीति के लिए जमीन तैयार करनी शुरू की। 1989 में प्रयागराज पश्चिमी सीट से अपने चिर प्रतिद्वंद्वी चांद बाबा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरा। और पहली बार में ही चांद बाबा को हराकर विधायक बन गया। चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान अतीक अहमद और चांद बाबा के बीच कई गैंगवार हुए। कुछ महीने बाद दिन दहाड़े चांंद बाबा की हत्या हो गयी। अब पूरे पूर्वांचल में उसकी बादशाहत कायम हो गयी। अतीक के रास्ते में जो भी रोड़ा बनने का काम किया उसे रास्ते से हटा दिया।

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