Assam Child Marriage: असम में डिलीवरी के बाद किशोरी की मौत, कांग्रेस सांसद ने कहा- इसके लिए सरकार जिम्मेदार

गुवाहाटी। असम में एक 16 साल की गर्भवती लड़की की डिलीवरी के बाद मौत हो गई। इसको लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि लड़की की मौत के लिए राज्य की सरकार जिम्मेदार है। उनके मूर्खतापूर्ण कदम की वजह से गर्भवती किशोरियां डिलीवरी के लिए अस्पताल नहीं जा रही हैं। इसी वजह से नवजात की मां मर गई और उसके पिता जेल में हैं।
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न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक कांग्रेस सांसद ने कहा कि हमें पता चला है कि बोंगाईगांव में एक 16 साल की मां की मौत हो गई। उसने घर पर एक बच्चे को जन्म दिया था। मौके पर एक आशा मौजूद थी, परिवार वाले उसे डिलीवरी के लिए अस्पताल नहीं ले गए थे। जब डिलीवरी के बाद ज्यादा ब्लीडिंग होने से किशोरी की तबीयत बिगड़ गई। तब परिजन उसे अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही लड़की की मौत हो गई। कांग्रेस सांसद का दावा है असम में 18 साल से कम उम्र की प्रेग्नेंट महिलाएं घरों पर ही बच्चों को जन्म दे रही हैं। वो अस्पताल जाने से डर रही हैं क्योंकि लड़कियों की उम्र पता चल गई तो उनके पति और पिता को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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वहीं, असम में बाल विवाह के खिलाफ जारी एक्शन के बीच सरकार ने बाल विवाह पीड़ितों के लिए पुनर्वास नीति को अंतिम रुप देने के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद कैबिनेट पुनर्वास नीति पर फैसला लेगी। सीएम ने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ अभियान के लिए पुलिस की तारीफ की और इस अभियान को जारी रखने के निर्देश दिए। असम पुलिस ने राज्य भर में बाल विवाह से जुड़े मामलों में अब तक 2,763 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, 4000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य में पिछले साल 6,20,867 महिलाएं गर्भवती हुईं। इनमें से 19 साल या उससे कम उम्र की 1,04,264 यानी 17 प्रतिशत किशोरियां गर्भवती पाई गईं।
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आपको बता दे, बाल विवाह को लेकर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट सामने आई थी। जिसमें पता चला कि असम में मातृ-शिशु मृत्युदर सबसे अधिक है। इसकी बड़ी वजह बाल विवाह को बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक बाल विवाह के सबसे ज्यादा 370 मामले असम के धुबरी जिले में दर्ज हुए। वहीं, होजई में 255 और उदलगुरी में 235 केस, मोरीगांव में 224 और कोकराझार में 204 केस दर्ज किए गए हैं। दीमा हसाओ में 24, कछार में 35 और हैलाकांडी जिले में बाल विवाह का सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया। ये रिपोर्ट सामने आने के बाद जनवरी 2023 में सरकार ने कैबिनेट की बैठक में बाल विवाह के मामलों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का फैसला किया था।
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