अमृतसर रूरल से अमृतपाल का साथी पप्पलप्रीत गिरफ्तार, 23 दिन बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश में जुटी पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने अमृतपाल के करीबी पप्पलप्रीत को गिरफ्तार कर लिया है। पप्पलप्रीत अमृतपाल का सलाहकार है, वह उसके फरार होने के समय से ही अमृतपाल के साथ साये की तरह रह रहा था।
होशियारपुर। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश में जुटी पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने अमृतपाल के करीबी पप्पलप्रीत को अमृतसर रूरल से गिरफ्तार कर लिया है। पप्पलप्रीत अमृतपाल का सलाहकार है, वह उसके फरार होने के समय से ही अमृतपाल के साथ साये की तरह रह रहा था। पुलिस उस पर NSA लगाने वाली है। अभी के लिए उसे असम के डिब्रूगढ़ ले जाया जा रहा है।
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पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर 18 मार्च को कार्रवाई की थी। इस दौरान पुलिस ने उसके सैकड़ों साथियों और समर्थकों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, अमृतपाल अपने कुछ करीबियों के साथ भागने में सफल हो गया था।
इसके बाद से पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह की तलाश में जुटी है। वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है। अमृतपाल के अलग अलग जगहों से सीसीटीवी भी सामने आ रहे हैं , लेकिन जब तक पुलिस वहां पहुंचती है, अमृतपाल अपना ठिकाना बदल लेता है। भगोड़े अमृतपाल के साथ इस दौरान उसका सहयोगी पप्पलप्रीत भी साये की तरह साथ दिख रहा था। लेकिन अब पुलिस ने पप्पलप्रीत को गिरफ्तार कर लिया है। इसे पंजाब पुलिस के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है।
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अमृतपाल का दाहिना हाथ है पप्पलप्रीत
पप्पलप्रीत सिंह को अमृतपाल का मेन हैंडलर बताया जाता है। अमृतपाल इसे अपना मेंटर मानता है। वह अमृतपाल का मीडिया सलाहकार भी है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पप्पलप्रीत पंजाब में खालिस्तान का माहौल खड़ा करने के लिए आईएसआई के सीधे संपर्क में है। वह राज्य में आतंकवाद फैलाने की साजिश में जुटा है।
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खुद को जर्नलिस्ट बताता है पप्पलप्रीत
पप्पलप्रीत खुद को वीडियो जर्नलिस्ट और एक्टिविस्ट बताता है। इससे पहले 2017 में वह सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी शिरोमणी अकाली दल (अमृतसर) में शामिल हुआ था। लेकिन 9 महीने बाद ही उसने पार्टी छोड़ दी।
जांच एजेंसियों को पता चला है कि पप्पलप्रीत एक खालिस्तानी प्रोपेगेंडा वेबसाइट भी चलाता है। जांच में सामने आया है कि पप्पलप्रीत वारिस पंजाब दे संगठन के अस्तित्व में आने से पहले भी पंजाब में सक्रिय रहा है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल (बादल) सरकार ने नवंबर 2015 में पप्पलप्रीत पर आईएसआई के साथ कथित संबंधों के मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज किया था।
पप्पलप्रीत पर UAPA समेत पहले से कई मामले दर्ज हैं। उसे 2015 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से संबंध होने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उस पर देशद्रोह के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद पप्पलप्रीत को 2016 में भी गिरफ्तार किया गया था।
2015 में कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और तीन साल का पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने वाले पापलप्रीत को पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जोड़ने और देशद्रोह का मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
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आयकर विभाग के रडार पर था पप्पलप्रीत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसियों को यह भी पता चला कि पप्पलप्रीत ने 2018-19 में अपने आयकर रिटर्न में जो बैंक खाते की जानकारी दी थी, वेरिफिकेशन के दौरान वे फर्जी पाए गए। जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा कोई बैंक खाता मौजूद नहीं है।
दिसंबर 2022 में, आयकर विभाग ने पप्पलप्रीत को नोटिस भी जारी किया गया था, इसमें उसकी आय के स्रोत, चल और अचल संपत्तियों और बैंक खातों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। इस नोटिस के जवाब में, पप्पलप्रीत ने बताया था कि वह YouTube से हर महीने लगभग 8,000-20,000 रुपये और अपने डेयरी व्यवसाय से 15,000 रुपये कमाता है। हालांकि, आयकर विभाग उसके जवाब से असंतुष्ट था। आईटी द्वारा उससे दोबारा नोटिस देकर जवाब मांगा गया था।
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कौन है अमृतपाल?
अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे'संगठन का चीफ है। वह अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है। वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा है। वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था। दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इसपर कब्जा कर लिया। उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया। अमृतपाल का ISI लिंक बताया जा रहा है।
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पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल पर लिया सख्त एक्शन पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल और उसके करीबियों पर बड़ा एक्शन लिया। इस दौरान उसके सैकड़ों समर्थक और करीबी गिरफ्तार किए गए। लेकिन अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इसके बाद से पुलिस को उसकी तलाश है। अमृतपाल के चाचा समेत 7 करीबियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है।
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