विमान एयरबस का, इंजन रॉल्स रॉयस का... इन तीन देशों की भारत के साथ हुई बड़ी डील

 
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भारत की एयर इंडिया ने विमानों की एक बड़ी डील की है जिसमें अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं। एयर इंडिया 470 नए विमान खरीद रहा है। फ्रांस की एयरबस और अमेरिका की बोइंग एयर इंडिया को विमानों की सप्लाई करेंगे। इनके कई महत्वपूर्ण हिस्से ब्रिटेन में बनाए जाएंगे।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार को एयर इंडिया के 470 नए विमानों के ऑर्डर की घोषणा की। टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के इस ऑर्डर में भारत ने एक साथ तीन देशों के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने की कोशिश की है। फ्रांस की एयरबस से 250 विमान और अमेरिका की बोइंग से 220 के ऑर्डर दिए गए हैं। एयरबस के विमान में जिस इंजन का इस्तेमाल होगा, वो ब्रिटेन की कंपनी रोल्स रॉयस बनाएगी। विमानों के कई महत्वपूर्ण हिस्से भी ब्रिटेन में बनाए जाएंगे।

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470 विमानों में से 70 विमान लंबी दूरी के उड़ान के लिए बनाए जाएंगे। टाटा ग्रुप का यह ऑर्डर किसी भारतीय एयरलाइन कंपनी द्वारा दिया गया अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है।

भारत की एयर इंडिया और फ्रांस की एयरबस के बीच विमानों की डील एक वर्चुअल मीटिंग में हुई जिसमें पीएम मोदी और मैक्रों ने हिस्सा लिया। मोदी ने इसे भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। मैक्रों ने इस डील को एयरोस्पेस क्षेत्र में नई सफलता बताया और कहा कि दोनों देशों के साथ आने का यह ऐतिहासिक अवसर है।

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डील को लेकर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन

इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान में बोइंग और एयर इंडिया के बीच हुए नए विमानों की डील की जानकारी दी। व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि अमेरिका विनिर्माण क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है।

बयान में बाइडेन ने कहा, 'यह डील अमेरिका के 44 राज्यों में दस लाख से अधिक नौकरियां प्रदान करेगी। इसके लिए अमेरिका के लोगों को चार साल की कॉलेज डिग्री की भी जरूरत नहीं होगी। यह घोषणा अमेरिका-भारत की आर्थिक साझेदारी को भी दिखाता है। पीएम मोदी के साथ मैं अपनी साझेदारी को
और भी गहरा करने की आशा करता हूं क्योंकि हम साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।'

प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी एक बयान जारी कर बताया कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच डील को लेकर फोन पर बातचीत हुई है। बयान में इस डील को ऐतिहासिक और पारस्परिक रूप से लाभ पहुंचाने वाली डील बताया गया। 

बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत संबंधों की ताकत की पुष्टि की और द्विपक्षीय आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। साझा प्राथमिकताओं पर सहयोग का विस्तार करने के लिए क्वाड जैसे समूहों में एक साथ काम करना जारी रखने को लेकर भी दोनों नेताओं ने प्रतिबद्धता जताई।

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दोनों देशों के साथ विमानों की डील में 40 एयरबस ए-350, 20 बोइंग-787 और 10 बोइंग-777, 9 वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट के साथ-साथ 210 एयरबस ए-320 और ए-321 नियो और 190 बोइंग-737 मैक्स छोटे आकार के प्लेन शामिल हैं। 2023 के अंत तक इनमें से एक-एक विमान एयर इंडिया को उड़ान भरने के लिए सौंप दिए जाएंगे और बाकी के विमानों की डिलीवरी 2025 के अंत में होगी।

एयरबस की A-350 विमानों में रोल्स-रॉयस इंजन लगाए जाएंगे। बोइंग-777 और 787 में GE Aerospace के इंजन होंगे, जबकि सभी छोटे आकार के विमान CFM इंटरनेशनल के इंजनों द्वारा संचालित होंगे।

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सौदे में अहम है ब्रिटेन
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनके बिजनेस एंड ट्रेड सेक्रेटरी केमी बडेनोस ने एयर इंडिया के लिए एयरबस और रोल्स-रॉयस के लिए एक महत्वपूर्ण सौदे का स्वागत किया है। ब्रिटेन को इस सौदे में अरबों पाउंड का फायदा दिख रहा है। इस डील से ब्रिटेन के वेल्स और डर्बीशायर में बहुत से कुशल लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा।

नए विमानों के कई महत्वपूर्ण हिस्से ब्रिटेन में बनाए जाएंगे। विमानों के विंग्स को फिल्टन में डिजाइन किया जाएगा, और ब्रॉटन में उन्हें असेंबल किया जाएगा। इसससे वेल्स में 450 से अधिक नौकरियों का सृजन होगा और 10 करोड़ पाउंड से अधिक निवेश आने की उम्मीद है। 

इस डील को लेकर पीएम ऋषि सुनक ने कहा, 'एयर इंडिया, एयरबस और रोल्स-रॉयस के बीच यह ऐतिहासिक सौदा दिखाता है कि ब्रिटेन के संपन्न एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए अपार संभावनाएं हैं। ब्रिटेन पहले से ही निवेश के लिए एक बड़ा गंतव्य है, और भारत जैसी बढ़ती आर्थिक शक्तियों के साथ व्यापार संबंध बनाकर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ब्रिटेन के व्यवसाय वैश्विक विकास में सबसे आगे रहें।'

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साल 2022 में टाटा ग्रुप ने किया था एयर इंडिया का अधिग्रहण
घाटे में चल रही एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने जनवरी 2022 में अधिग्रहण कर लिया था। इस एयरलाइन को पुनर्जीवित करने के लिए ग्रुप कई उपाय कर रहा है और इसी के तहत अरबों की यह डील हुई है।
एयर इंडिया की तरफ से विमानों का इतना बड़ा ऑर्डर पहले कभी नहीं दिया गया।

इससे पहले साल 2005 में सरकार के अधीन रहते हुए 111 विमानों का ऑर्डर दिया था। 17 सालों पहले दिए गए इस ऑर्डर में 68 बोइंग और 43 एयरबस के विमान खरीदे गए थे। यह सौदा 10.8 अरब डॉलर का था।

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एयर इंडिया ने दोनों कंपनियों से अपने ऑर्डर की कीमत को अभी तक नहीं बताया है लेकिन अमेरिका की कुछ न्यूज रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि एयर इंडिया और बोइंग के बीच विमानों को लेकर 34 अरब डॉलर की डील हुई है। 

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