मनीष कश्यप के बाद अब उपेंद्र सहनी अरेस्ट, पुलिस का दावा- इसी के मोबाइल से सबसे पहले शेयर हुआ था मजदूरों की पिटाई का फेक वीडियो

 
manish kashyap

तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो मामले में मुख्य आरोपी उपेंद्र सहनी को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। इसके बाद उसे न्यायलय में पेश किया गया। उधर, पिटाई के फर्जी वीडियो बनाकर वायरल करने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बीत दिन सरेंडर कर दिया था। जिसे आज पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। यहां से मनीष को 22 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

 

नई दिल्ली। तमिलनाडु के तिरुपुर में बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो मामले में मुख्य आरोपी उपेंद्र सहनी को मुजफ्फरपुर और तमिलनाडु पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। इसके बाद उसे न्यायलय में पेश किया गया। यहां तमिलनाडु पुलिस ने रिमांड के लिए न्यायलय से अपील की। बताया जा रहा है कि सबसे पहले उपेंद्र सहनी के मोबाइल से ही वीडियो वायरल हुआ था। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153-B, 505, 266 (D) और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज है।

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इसी मामले में मुजफ्फरपुर पुलिस के सहयोग से सदर थाने इलाके के मझौली धर्मदास इलाके स्थित एक कोल्ड स्टोरेज से उसे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी को लेकर सदर थाना के सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार साह ने बताया कि वायरल वीडियो मामले में उपेंद्र सहनी की गिरफ्तारी हुई है। उसकी रिमांड के लिए तमिलनाडु पुलिस भी पहुंच चुकी है।

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युवक को गोपालगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था
इससे पहले इसी मामले में एक युवक को गोपालगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था और दो अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया था। गिरफ्तार किए युवक का नाम उमेश महतो, जो कि माधोपुर ओपी के माधोपुर गांव का रहने वाला है। 

एसपी स्वर्ण प्रभात ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया था, "माधोपुर गांव के रहने वाले रविंद्र महतो की 7 मार्च को बेंगलुरु में ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। जबकि ऐसी अफवाह फैलाई जा रही थी कि मजदूर रविंद्र की तमिलनाडु में हत्या की गई है। एसपी ने जांच के बाद इस पूरे मामले को अफवाह बताया और कर्नाटक के बेंगलुरु में ट्रेन से कटकर मौत होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने वाले अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है"।

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न्यायिक हिरासत में भेजा गया मनीष कश्यप
उधर, बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो बनाकर वायरल करने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बीत दिन सरेंडर कर दिया था। जिसे आज पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। यहां से मनीष को 22 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

इसी बीच उसका एक वीडियो सामने आया है। सरेंडर करने के बाद वो पुलिस की गिरफ्त में सिसकता हुआ दिखाई दिया। इतना ही नहीं जब वो पुलिस की गाड़ी में था तो रोने लगा। इस दौरान उसके साथी ये कहते हुए सुनाई दे रहे कि हिम्मत मत हारना, हम सब मिलकर लड़ेंगे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

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मनीष के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस भी एक्शन में
गौरतलब है कि मनीष कश्यप को पश्चिम चंपारण से गिरफ्तार करने के बाद शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) पटना लेकर आ गई थी। यहां उससे गहन पूछताछ की गई। इसके बाद रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। अब इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि जल्द तमिलनाडु पुलिस भी उसको ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो यूट्यूब समेत सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी के खिलाफ केस दर्ज हैं।

गृह राज्य बिहार में यूट्यूबर पर 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं। EOU के बार-बार प्रयास करने के बावजूद मनीष कश्यप पेश नहीं हो रहा था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। पुलिस और ईओयू की टीमों ने लगातार आरोपी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन फिर भी वह हाजिर नहीं हुआ।

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वायरल हुए थे मजदूरों की पिटाई के वीडियो
गौरतलब है कि तमिलनाडु में बिहार के रहने वाले मजदूरों की पिटाई के वीडियो वायरल हुए थे। इन वीडियोज को लेकर बिहार में सियासत गर्मा गई थी। विपक्षी दल बीजेपी ने भी बिहार विधानसभा में ये मुद्दा उठाया था तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से बात की थी। बाद में तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने वायरल वीडियो को फेक बताया था। इसे लेकर बिहार पुलिस एक्शन में है।

बता दें कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के आरोपों की जांच के लिए बिहार सरकार ने अधिकारियों की चार सदस्यीय टीम बनाई थी। इस टीम ने तमिलनाडु से लौटने के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दी थी।

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