भारी बारिश से हिमाचल में कुल 75 मौतें, तबाही को राज्य आपदा घोषित करेगी सुक्खू सरकार

 
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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुई ताजा घटनाओं में कुल 75 लोग मारे गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने भारी नुकसान को राज्य आपदा घोषित करने का फैसला किया है।

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मूसलाधार बारिश के कारण हुए भारी नुकसान को राज्य आपदा घोषित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी की जाएगी। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से शिमला समेत कई जिलों में भूस्खलन हुआ है। इसके साथ ही हालिया वर्षा जनित हादसों में मरने वालों की संख्या 75 हो गई है। सरकार राज्य में हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया की भी प्रतीक्षा कर रही है। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव अभियान पूरे जोरों पर हैं। राज्य सरकार अपने संसाधनों के जरिए प्रभावित परिवारों, खासकर उन लोगों की मदद करने का प्रयास कर रही है जिनके घर अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में क्षतिग्रस्त हो गए हैं। केंद्रीय दलों ने नुकसान के आकलन के लिए प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया है। हमें केंद्र से समय पर मदद की जरूरत है। राज्य को अनुमानत: 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने कहा कि समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने के साथ ही बारिश से प्रभावित हिमाचल प्रदेश में मरने वालों की संख्या 75 हो गई है। इनमें से 22 लोगों की मौत शिमला में समर हिल में स्थित शिव मंदिर, फागली और कृष्णानगर में हुए भूस्खलन में हुई। छह लोगों के अब भी मंदिर के मलबे में दबे होने की आशंका है।

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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में 217 लोगों की मौत हुई है और 11,301 घर आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्य में कुल 506 सड़कें अब भी बंद हैं और 408 ट्रांसफार्मर तथा 149 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं। पिछले तीन दिन में कांगड़ा जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों से 2,074 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सुक्खू ने पहले कहा था कि राज्य को इस मानसून में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में एक साल लगेगा।

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