विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा लोगों को समर्पित, इसकी ऊंचाई पर जाने के लिए करवाया गया 700 सीढ़ियों का निर्माण
इस प्रतिमा के लिए मुरारी बापू शुक्रवार शाम नाथद्वारा पहुंचे। मदन पालीवाल और उनके परिवार की ओर से बापू का स्वागत किया गया।

जयपुर। राजस्थान में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ बिलीफ' आम लोगों के लिए समर्पित कर दी गई है। नामी कथावाचक मुरारी बापू के हाथों इसका लोकार्पण किया गया। इस मौके पर बापू के अलावा, सीएम गहलोत, योगगुरु बाबा रामदेव भी मौजूद रहे। दरअसल, प्रतिमा के सामने मुरारी बापू की कथा का पांडाल बनाया गया है। यह मुरारी बापू की 906वीं कथा होगी। यहीं से हनुमान चालीसा के साथ सीएम और बापू ने शिव प्रतिमा का इनॉग्रेशन किया। इस पांडाल में शिव प्रतिमा की रेप्लिका तैयार की गई है। इससे पहले, इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सीएम अशोक गहलोत यहां गणेश टेकरी हेलीपैड पर पहुंचे तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया और उदय लाल आंजना ने गहलोत की अगवानी की। आपको बता दे, नाथद्वारा के गणेश टेकरी स्थित पहाड़ी पर शिव प्रतिमा की नींव 18 अगस्त 2012 को रखी गई थी। रामकथा वाचक मुरारी बापू, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डॉ. सीपी जोशी, मिराज ग्रुप के सीएमडी मदनलाल पालीवाल ने भूमि पूजन किया था।
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इस प्रतिमा के लिए मुरारी बापू शुक्रवार शाम नाथद्वारा पहुंचे। मदन पालीवाल और उनके परिवार की ओर से बापू का स्वागत किया गया। इसके बाद शनिवार सुबह बापू श्रीनाथ जी के दर्शन करने पहुंचे। वे शिव प्रतिमा स्थल पर पहुंचे। आयोजन को लेकर सिक्योरिटी का खासा ध्यान रखा गया है। यहां 500 से ज्यादा पुलिस जवान और सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए गए हैं। इसके अलावा कथा के साथ आवास और भोजन प्रसाद के लिए भी सभी को अलग-अलग पास अलॉट किए गए हैं। इन पास के जरिए ही सभी को एंट्री दी जा रही है। इस महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए यूके, यूएस, फ्रांस, जर्मनी और आस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों से भी भक्त यहां दर्शन करने पहुंचे हैं। 9 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए भक्तों के लिए रहने और खाने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है।
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इसका निर्माण तत पदम् उपवन संस्थान नाथद्वारा के ट्रस्टी मदन पालीवाल की ओर से करवाया गया है। यह एकमात्र ऐसी शिव प्रतिमा है, जिसमें 4 लिफ्ट के साथ इसकी ऊंचाई पर जाने के लिए 700 सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया है। 51 बीघा परिसर में इस प्रतिमा को तैयार किया गया है। खास बात यह है कि इस प्रतिमा के 20 KM दूर से भी दर्शन हो सकेंगे। इस प्रतिमा पर 351 फीट पर जलाभिषेक भी हो सकेगा। लेकिन, इसके लिए अलग से परमीशन की जरूरत होगी। भक्तों के लिए अलग-अलग ऊंचाई से दर्शन की व्यवस्था की गई है। 270 से 280 फीट की ऊंचाई पर जाने के लिए ग्लास ब्रिज बनाया गया है। 20 फीट की हाइट पर एक्पीरियंस गैलरी होगी। 280 फीट की हाइट पर भगवान शिव का दायां कंधा है। यहां से आप तद पदम् उपवन का शानदार नजारा देख सकते हैैं। यहीं से भगवान शिव के नाग के दर्शन आपको आसानी से हो सकेंगे। जब ग्राउंड फ्लोर से भगवान शिव की प्रतिमा को देखते हैं तो कैलाश पर्वत जैसा आसन नजर आता है। यह 110 फीट की हाइट पर बना है। यहीं भगवान शिव का दायां हाथ जमीन पर टिका है। इस एरिया में एक छोटी सी गैलरी बनी है, जहां से उदयपुर हाईवे दिखाई देता है।
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