UU Lalit Retirement: चीफ जस्टिस यूयू ललित हुए रिटायर, कहा काम से संतुष्ट हूं, वादे लगभग हुए पूरे

नई दिल्ली। चीफ जस्टिस यूयू ललित मंगलवार को रिटायर हो रहे हैं। 74 दिनों तक CJI पद पर रहने वाले जस्टिस ललित ने एक से ज्यादा संवैधानिक बेंच बनाने और केस लिस्टिंग जैसे कई अहम फैसले किए। उनके कार्यकाल में 10 हजार से ज्यादा केसों का निपटारा हुआ, जबकि मेरिट के अभाव में करीब 13 हजार केस को खारिज कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में CJI ललित ने कहा, मैं जब इस पद पर आया तो एक ही लक्ष्य था कि संवैधानिक बेंच काम करे। इसलिए मैंने 6 संवैधानिक बेंच बनाए। सभी जजों को किसी न किसी बेंच में रखा। मैंने सभी जजों से बात की और कामकाज को बांटा, जिससे केसों का निपटारा जल्द हो। अब मैं अपने कामों से संतुष्ट हूं और वादे लगभग पूरा कर चुका हूं।
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CJI ललित की अध्यक्षता में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने EWS रिजर्वेशन पर फैसला सुनाया। 3 जजों ने EWS रिजर्वेशन को सही ठहराया, जबकि CJI ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS रिजर्वेशन को सही नहीं माना। हालांकि, 3 जजों के सही ठहराने की वजह से देश में EWS रिजर्वेशन लागू रहेगा। CJI यूयू ललित की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने 30 अगस्त 2022 को 2002 गुजरात दंगों के सभी केसों को बंद करने का फैसला दिया। फैसला सुनाते समय कोर्ट ने कहा इतना समय गुजरने के बाद इन मामलों पर सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है। जस्टिस ललित ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी ने भी इस केस में नया कुछ नहीं पाया, इसलिए हमने बंद करने का फैसला किया है।
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CJI ललित की बेंच ने 7 नवंबर 2022 को 2012 में दिल्ली के छावला गैंगरेप केस के सभी दोषियों को बरी करने का आदेश सुनाया। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत ने 3 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। इस केस में सुनवाई के दौरान 7 अप्रैल को जस्टिस ललित ने कहा था- भावनाओं को देखकर सजा नहीं दी जा सकती है। सजा तर्क और सबूत के आधार पर दी जाती है। हम पीड़ित परिवार की भावनाओं को समझ रहे हैं। जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने गुजरात दंगों के बाद साजिश के आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत देते हुए जेल से रिहा करने का फैसला दिया। वहीं UAPA केस में बंद केरल के पत्रकार कप्पन सिद्दिकी की भी जमानत अर्जी मंजूर की। जस्टिस ललित ने कई पुराने केसों पर त्वरित सुनवाई शुरू की, जिसमें CAA कानून, आर्टिकल-370 और UAPA कानून शामिल हैं।
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