भारत में जल्द ही चलेगी Tilting Trains, घुमावदार ट्रैक पर मोटरबाइक तरह आसानी से मुड़ सकेंगी, जानिए डिटेल

देश में वर्ष 2025-26 तक पहली टिल्टिंग ट्रेन ट्रैक पर दौड़ती दिखेगी। इसे लेकर तैयारियां की जा रही है। इस तरह की तकनीकी का प्रयोग करके 100 वंदे भारत ट्रेन निर्मित की जा रही हैं। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 2025 तक 400 वंदे भारत ट्रेनों में से 100 में इस तकनीक का प्रयोग होगा।
नई दिल्ली। देश में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए लगातार कवायदें की जा रही हैं। बुलेट ट्रेन को ट्रैक पर दौड़ाने की तैयारी और वंदे भारत ट्रेन का एक के बाद एक शुरू होना इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है। इसी बीच रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक देश को साल 2025-26 तक अपनी पहली टिल्टिंग ट्रेन (Tilting Trains) मिल जाएगी।
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इस तरह के टेक्नोलाजी का उपयोग करके 100 वंदे भारत ट्रेन का निर्माण किया जा रहा है। ये सभी ट्रेन घुमावदार रास्ते (Winding Road) पर मोटरबाइक की ही तरह तेज गति से मुड़ने में सक्षम होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साल 2025 तक 400 वंदे भारत ट्रेन को बनाया जाएगा, जिसमें से 100 में इस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।
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100 वंदे भारत ट्रेन में लगाया जाएगा तकनीक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया, 'हम जल्द ही भारत में टिल्टिंग ट्रेनें चलाएंगे। इसके लिए हम एक टेक्नोलाजी पार्टनर के साथ पार्टनरशिप करेंगे। अगले दो से तीन वर्षों के दौरान हमारे पास इस तकनीक के उपयोग वाली 100 वंदे भारत ट्रेन होगी। इस प्रकार के तकनीक वाली ट्रेनें किस प्रकार से काम करती है, इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी ट्रेन घुमावदार रास्ते पर तेज गति के साथ मुड़ते हुए चलेगी। ट्रेन जब किसी घुमाव पर मुड़ती है तो यात्रियों को सहारा लेना होता है, लेकिन इस तकनीक के प्रयोग से यात्रियों को पहले की तुलना में आराम मिलेगा।
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क्या है टिल्टिंग ट्रेन, कितने देशों में चल रही?
टिल्टिंग ट्रेनों में एक ऐसा तंत्र होता है, जो नियमित ब्राड गेज पटरियों (Broad Gauge Tracks) पर उच्च गति को सक्षम करने वाला एक तंत्र लगा होता है। इस तकनीक से ट्रेन पटरियों पर मोड़ या वक्र पर अपना तालमेल एक साथ बिठाकर झुकते हैं। इस प्रकार की ट्रेनें अभी करीब 11 देशों में चल रही हैं, जिसमें इटली, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, फिनलैंड, रूस, चेक गणराज्य, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, चीन, जर्मनी और रोमानिया शामिल है।
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