हर धर्म में पृथ्वी को मां का दर्ज़ा मिला, क्योंकि पृथ्वी के गर्व से ही मनुष्य जन्मा - पद्मभूषण डा. जोशी

पर्यावरण संरक्षण के लिए महाराष्ट्र से साइकिल पर निकले पद्मभूषण डा. अनिल कुमार जोशी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कंप्यूटर अध्ययनशाला में जिम्मी एंड जनक मगिंलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा आयोजित "प्रकृति से प्रगति" विषय पर जन संवाद को किया संबोधित, उन्होंने कहा- पर्यावरण को संवारने की जरूरत।
इंदौर। सभी धर्म में पृथ्वी को मां यानी माता का दर्ज़ा मिला, क्योंकि पृथ्वी के गर्भ में सब कुछ पनपता है। अगर हमने पृथ्वी का इतिहास नहीं जाना तो हम कभी उसका संरक्षण नहीं कर पाएंगे। इसकी शुरुआत 7.6 बिलियन साल पहले एक विस्फोट के माध्यम से हुई। जिसे सुपर नोवा भी कहा जाता है और 10 प्लेनेट ने मिलकर इस पृथ्वी को बनाया । ये बातें पद्मभूषण डा. अनिल कुमार जोशी ने कही।
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डा. जोशी पर्यावरण संरक्षण के लिए महाराष्ट्र से साइकिल भ्रमण पर निकले हैं। वे शनिवार को इंदौर पहुंचे। यहां जिम्मी एंड जनक मगिंलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा आयोजित कंप्यूटर अध्ययनशाला में 'प्रकृति से प्रगति' विषय पर जन संवाद आयोजित किया गया, जिसे डा. जोशी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी ने 25 करोड़ साल बहुत कष्ट सहने के बाद मनुष्य को जन्म दिया। यह सोचा कि मनुष्य सभी को साथ ले कर चलेगा। पर आज परिस्थितियां बिलकुल विपरीत हैं। पृथ्वी का स्वरूप ही बदलने के साथ ही आकाश को भी प्रदूषित कर दिया है। लापरवाही की वजह से मनुष्य हज़ारों तरह की बीमारियों से लड़ रहा है और 200 साल बाद उसे पृथ्वी के संरक्षण की समझ आई। प्रदूषण को रोका नहीं गया तो पृथ्वी नष्ट हो जाएगी। इसलिए धरती को बचाने के लिए सभी का योगदान जरूरी है। प्रत्येक दिशा में पर्यावरण को संवारने की जरूरत है।
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प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद करें
विशिष्ट अतिथि जनक पलटा मगिलिगन ने कहा कि आज हम जिस तरह प्लास्टिक का उपयोग करके इस धरती का नाश कर रहे हैं, आने वाले 10 साल में ये धरती हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए ज़हर के समान हो जाएगी। हम आज से ही इसका प्रकोप देख सकते हैं कि किस तरह हज़ारों बीमारियों ने हम सभी को घेरा हुआ है। ये बहुत ज़रूरी है की हम प्लास्टिक का उपयोग बंद करें और न सिर्फ पृथ्वी बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक अच्छा भविष्य तैयार करें।
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संबाद की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन ने की एवं निवेदक विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल शर्मा रहे।
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