Supreme Court ने गोधरा कांड के दोषी को 17 साल बाद दी जमानत, जलती ट्रेन से लोगों को उतरने से रोका था

जमानत का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, यह सबसे जघन्य अपराध में से एक था। 
 
Supreme Court ने गोधरा कांड के दोषी को 17 साल बाद दी जमानत, जलती ट्रेन से लोगों को उतरने से रोका था

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के एक दोषी फारूक को जमानत दे दी। उम्रकैद की सजा के खिलाफ दोषी की अपील 2018 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फारूक 2004 से जेल में है। वो पिछले 17 साल जेल में रह चुका है। इसलिए उसे जमानत दी जाए। जमानत का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, यह सबसे जघन्य अपराध में से एक था। लोगों को बोगी में बंद करके जिंदा जलाया गया था। 

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सामान्य परिस्थितियों में पत्थरबाजी कम गंभीर अपराध हो सकता है, लेकिन यह अलग है। जब SG ने सुनवाई को जनवरी तक के लिए स्थगित करने की मांग की, तब फारूक के वकील ने बेंच से कहा कि इसे विंटर वेकेशन के पहले सुना जाए, क्योंकि राज्य दूसरी बार स्थगन की मांग कर रहा है। सॉलिसिटर जनरल ने यह भी कहा, अगर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई होती है, तो सब कुछ सुलझाया जा सकता है।

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बेंच ने कहा था कि वह सबसे पहले जमानत याचिकाओं पर विचार करेगी। इससे पहले 2 दिसंबर को 2002 के गोधरा ट्रेन जलाने के मामले में सुनवाई हुई थी। जिसमें CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने गुजरात सरकार से जानकारी मांगी थी कि इस कांड में किस आरोपी की क्या भूमिका थी। दोषी फारूक की जमानत याचिका भी बेंच के पास पहुंची थी। 

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सरकार का पक्ष रखते हुऐ SG ने कहा, मामला फाइनल हियरिंग के लिए तैयार है। अब समयबद्ध सुनवाई के लिए भी विशेष बेंच हैं। इसे भी लिस्टेड किया जा सकता है। इस पर CJI ने कहा, मिस्टर SG, आप यह कर सकते हैं। अपने जूनियर्स से एक विवरण तैयार करने के लिए कहें और इसे रजिस्ट्रार पुनीत सहगल को भेज दें। मैं इसे जरूर देखूंगा।

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