Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल चार्जशीट फाइल करना जमानत रद्द करने का आधार नहीं, जानिए वजह...

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल चार्जशीट फाइल करना किसी आरोपी की जमानत रद्द करने का आधार नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा कि अगर चार्जशीट में आरोपी के खिलाफ खास और दमदार केस बनता है तो उसकी डिफॉल्ट बेल रद्द की जा सकती है।
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वहीं, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा कि महज चार्जशीट दायर करने से जमानत रद्द नहीं हो सकती, जब तक कि कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि आरोपी ने गैरजमानती अपराध किया है और उसके खिलाफ एक मजबूत केस बन रहा है। इसके अलावा दूसरी अदालतों को भी जमानत रद्द करने की याचिका पर विचार करने से नहीं रोका जा सकता है।
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आपको बता दे, सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में एरा गंगी रेड्डी की जमानत रद्द करने से जुड़ी याचिका की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। SC ने सीबीआई की याचिका पर तेलंगाना हाईकोर्ट को विचार करने का निर्देश भी दिया। गांगी रेड्डी की जमानत रद्द करने को लेकर जिरह इसी महीने की पांच तारीख को खत्म हो गई थी।
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जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने पिछली सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट को यह तय करने का निर्देश दिया है कि केस मैरिट के आधार पर जमानत रद्द की जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा पहले जमानत देते समय मैरिट पर विचार नहीं किया जाता था, अब तेलंगाना HC को सभी पहलुओं पर विचार करना है और फैसला लेना है।
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