स्कूली छात्रों ने जनक पलटा मगिलिगन से सीखा सादगी से सस्टेनेबल जीवन जीना

जयपुर। ऑर्किड इंटरनेशनल स्कूल से अपने शिक्षक संकाय के साथ छात्रों का एक समूह जिमी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर सेंटर की डायरेक्टर जनक पलटा मगिलिगन से "सस्टेनेबल लिविंग" सीखने के लिए अध्ययन दौरे पर आए। इस दौरान दीदी ने उनका स्वागत किया।
सर्वप्रथम केंद्र के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा " यह फण्ड से चलने वाला एनजीओ नहीं है, बल्कि पूर्णतय शांति से रहने के लिए उनका निजी घर है। जहां और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और विकास करते हुए, मानव, पशु, जीव, पक्षियों, पेड़ों, धरती- माँ, सूर्य, वायु और जल के साथ सद्भावना से रहकर लोगों के साथ आनंदमय अनुभव को अपनी इच्छा और जिज्ञासा से जानने वाले लोगों के साथ पूर्णतय नि:शुल्क साझा करते हुए ईश्वर को समर्पित है।"
यह खबर भी पढ़ें: शादी किए बगैर ही बन गया 48 बच्चों का बाप, अब कोई लड़की नहीं मिल रही
उन सभी को साथ चलकर सब दिखाया
उन सभी के लिए पहली बार मकई, बाजरा, मूंग, मूंगफली, मौसमी सब्जियां, वज्रदंती के औषधीय पौधों की दुर्लभ प्रजातियां, इंसुलिन, जड़ी-बूटियां, हीलिंग उपचार मल्टीविटामिन, आयरन, विटामिन सी, हड्डी फ्रैक्चर प्लांट देखने का मौका मिला। गुर्दे की पथरी, दर्द निवारक पारिजात, साबुन का पेड़ (रीठा) फलों के पेड़ विटामिन सी के पेड़ इमली, अंबाड़ी, नींबू, आंवला, देशी पौधे और, सागवान रतनज्योत, (बायोडीजल पेड़), रामफल, वाटर एपल, चेरी देखी।
फिर प्रसन्न और सौम्य गौमाता और उसके परिवार, मित्रवत श्वान वीरू, गौरैया, तोते, पक्षियों टटहरी, गिलहरीयो की चहचहाहट, पूर्ण हरे वातावरण के बीच नाचती हुई पीली, नीली तितलियों से घिरे एक आत्मनिर्भर जैव विविधता फार्म पर उगाये भोजन पदार्थ, जीरोवेस्ट, पानी को रिचार्ज करने के लिए एक तालाब का आनंद लिया।
यह खबर भी पढ़ें: शादी से ठीक पहले दूल्हे के साथ ही भाग गई दुल्हन, मां अब मांग रही अपनी बेटी से मुआवजा
उन्होंने 13 प्रकार के सोलर कुकर, पवन और सोलर ऊर्जा, से ड्रायर, गीजर और पुराने समाचार पत्रों के घर के ईंधन के ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को भी देखा। स्वच्छ हवा, स्वस्थ भोजन, स्वच्छ ऊर्जा के साथ रूप, तनाव मुक्त जीवन देखते, भावुक होते छात्र को पता चला कि वह एक दिन में अधिकतम 30 लीटर पानी का उपयोग करती है। हर समय पानी और कुछ भी पीने के लिए अपने स्टील की बोतल और गिलास रख प्लास्टिक मुक्त रहती और सिखाती है।
यह खबर भी पढ़ें: ऐसा गांव जहां बिना कपड़ों के रहते हैं लोग, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
समाजिक रिश्तों में पेड़/पौधों ही उनके देने लेने के उपहार है। प्रेरित होकर छात्रों ने इसे एक वास्तविक वंडरलैंड के रूप में पाया जहां उन्होंने सीखा और पर्यावरण को जीने की कोशिश करेंगे। सादगी से सस्टेनेबल जीवन अपने स्वयं, अपने घर और आस पास से शुरू होता है। शिक्षकों ने उन्हें अपने छात्रों और उनके लिए इस वास्तविक लेकिन जीवन के अनमोल अनुभव के लिए एक उदाहरण के रूप में मिलने के लिए धन्यवाद दिया।
Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप