Rajasthan Political Crisis: सिर्फ 3 नेताओं को ही नोटिस क्यों? क्या इसलिए गहलोत को दी गई क्लीन चिट, पढ़ें रिपोर्ट

 
Rajasthan Political Crisis

Rajasthan politics: कांग्रेस आलाकमान ने मंत्री शांति धारीवाल, धर्मेंद्र राठौड़ और संचेतक महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। तीनों नेताओं को अनुशासनहीनता का दोषी माना गया है। नोटिस पर तीनों नेताओं से 10 दिन में जवाब मांगा गया है। 

नई दिल्ली। राजस्थान में विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में कांग्रेस आलाकमान ही एक्शन लिया है। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ और संचेतक महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने तीनों को अनुशासनहीनता का दोषी माना है। कांग्रेस अनुशासन समिति ने मंगलवार रात तीनों नेताओं को नोटिस जारी किए। 

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सिर्फ तीन नेताओं को नोटिस जारी करने पर तीन सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला- गहलोत गुट के लगभग सभी विधायक बैठक में नहीं गए, ऐसे में क्या इन्होंने अनुशासनहीनता नहीं की? दूसरा- कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत पर कोई एक्शन नहीं लिया, क्या इस पूरे घटनाक्रम में उनकी कोई भूमिका नहीं थी?
तीसरा - सिर्फ तीन नेताओं को ही नोटिस क्यों जारी किए गए, उन्हें अनुशासनहीनता का दोषी क्यों माना गया? अब इन तीनों सवालों के जवाब जानते हैं। 

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गहलोत गुट के अन्य विधायक दोषी क्यों नहीं?
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने माना कि विधायक दल की बैठक से पहले विधायकों को मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर आने के निर्देश मिले थे। उन्हें नहीं पता था कि बैठक में क्या होने वाला है। जिन विधायकों को नोटिस दिए गए हैं, उनकी वजह से ही सियासी घटनाक्रम हुआ। 

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गहलोत पर एक्शन क्यों नहीं? 
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस आलाकमान ने सीएम अशोक गहलोत पर कोई एक्शन नहीं लिया है। माना जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम में आलाकमान ने गहलोत की कोई भूमिका नहीं मानी इसलिए उन्हें क्लीनचिट दे दी है, लेकिन इसके दो अन्य कारण भी बताए जा रहे हैं। 

पहला - अशोक गहलोत राजस्थान से सीएम हैं। उनके गुट के विधायकों ने प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को लेकर शर्त रख दी है। विधायकों ने कुल तीन शर्तें रखीं हैं। अगर कांग्रेस आलाकमान गहलोत पर एक्शन लेता तो विधायकों का विरोध और भी तेज हो सकता था।

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दूसरा - अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद से सबसे मजबूत दावेदार हैं। सियासी घटनाक्रम से पहले कांग्रेस आलाकमान  उन्हें ही अध्यक्ष बनाना चाहता था। लगभग ये तय भी हो गया था कि गहलोत ही कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे। ऐसे में अध्यक्ष पद के दावेदार पर किसी भी तरह के एक्शन से पार्टी की इमेज पर असर पड़ता। हालांकि, गहलोत गुट की बगावत के बाद गहलोत के अध्यक्ष बनने पर संशय बन गया है।

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पार्टी की तीन नेताओं को नोटिस जारी क्यों हुए? 

  • शांति धारीवाल: संसदीय कार्य मंत्री होने के बाद भी विधायक दल की बैठक से पहले अपने आवास पर बैठक की। मंच से संबोधित कर विधायकों को मिस गाइड किया। 
  • धर्मेंद्र राठौड़: शांति धारीवाल के आवास पर बैठक करने की योजना बनाई। बैठक के लिए सभी जरूरी इंतजाम भी किए।
  • महेश जोशी: मुख्य सचेतक होते हुए विधायकों को विधायक दल की बैठक की जानकारी दी। इसके बाद बैठक का बहिष्कार किया। मंत्री धारीवाल के निवास पर हुई बैठक में शामिल होने के साथ अन्य विधायकों को भी इसके लिए तैयार किया और उन्हें मिसगाइड किया। 

कांग्रेस आलाकमान ने तीनों नेताओं को इन्हीं कारणों के लिए गंभीर अनुशासनहीनता का दोषी माना है। तीनों को नोटिस देकर 10 दिन में जवाब मांगा गया है।

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