"महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

 
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चंडीगढ़। आईपीएस 6वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी वीमेन एंड मेन्टल हेल्थ एंड पेरिनेटल साइकाइट्री टास्क फोर्स 10 और 11 दिसंबर 2022 को ‘परिवर्तन’ और मानसिक स्वास्थ्य विभाग, जीएमसीएच-32, चंडीगढ़ के सहयोग से  "महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता” विषय पर आयोजित की।

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संगोष्ठी का पहला दिन देश भर के डॉक्टरों के शोध पत्र और पोस्टर प्रस्तुतियों के साथ आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दूसरे दिन का उद्घाटन जीएमसीएच-32 की डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. जसबिंदर कौर एवं क्षेत्र के कई अन्य दिग्गजों ने किया। प्रो. डॉ. जसबिंदर कौर ने कहा कि हार्मोन और सामाजिक कारकों के कारण महिलाएं मानसिक बीमारियों से अधिक पीड़ित होती हैं। महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर होने से बहुत पहले इलाज किया जाना चाहिए क्योंकि महिलाएं हमारे समाज का आधार हैं। जीएमसीएच-32 के मानसिक स्वास्थ्य विभाग की हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट प्रो. डॉ. प्रीति अरुण ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया। 

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उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के  मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति काफी खराब हो गई है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों को संवेदनशील बनाने की सख्त जरूरत है। डॉ. विनय कुमार-आईपीएस प्रेसिडेंट इलेक्ट, डॉ. सोनिया परियल- प्रेसिडेंट, पेरिनेटल साइकाइट्री टास्क फोर्स और डॉ. शर्मिष्ठा चक्रवर्ती- प्रेसिडेंट, महिला मानसिक स्वास्थ्य स्पेशलिटी सेक्शन, डॉ. अरबिंदा ब्रह्मा- सेक्रेटरी जनरल, इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी और डॉ. ओपी सिंह -संपादक, इंडियन जर्नल ऑफ साइकेट्री ने भी सभा को संबोधित किया।

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विपरीत परिस्थितियों में असाधारण सामर्थ्य के लिए डॉ. सुखदा अभिराम और डॉ. चांदनी को रेजिलिएंस अवार्ड्स से सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी में प्रख्यात वक्ता डॉ. प्रभा चंद्रा, डॉ. हेनल शाह, डॉ. सीमा परीजा और डॉ. शोभित गर्ग शामिल हुए, जिन्होंने बच्चों के संज्ञानात्मक, व्यवहारिक, सामाजिक और भावनात्मक सुधार के लिए माता-पिता के पेरेंटिंग स्किल प्रोग्राम जैसे विषयों पर चर्चा की। 

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सत्र के दूसरे भाग में डॉ निस्का सिन्हा द्वारा “Misandry same as misogyny” विषय पर एक दिलचस्प वाद-अनुवाद किया गया। डॉ जगजोत सिंह, डॉ. सोनिया पारियल और डॉ. शर्मिष्ठा चक्रवर्ती ने विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे अनुभूति, चिंता, शरीर का तापमान, भोजन और यौन व्यवहार पर एस्ट्रोजेन की महत्वपूर्ण नियामक कार्य की भूमिका के बारे में प्रतिभागियों को प्रबुद्ध किया। डॉ. स्वप्नजीत साहू ने साइकोपैथोलॉजी और साइकोसोशल स्ट्रेसर्स के कारण महिलाओं के आत्मघाती व्यवहार व् लैंगिक भेदभाव  के बारे में बात की। चेयरपर्सन डॉ. शशि राय, डॉ. नितिन गुप्ता, डॉ. नीरू बाला, डॉ. निधि चौहान, डॉ. अजीत सिदाना, डॉ. रजनी चटर्जी, डॉ. सचिन कौशिक, डॉ. रुखशेदा सैयदा, डॉ. अपराजिता लोबाना, डॉ. अनीता गौतम, डॉ. सविता मल्होत्रा और श्रीमती गुनिंदर मोहिनी लांबा ने महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के विभिन पहलुओं पर अपनी अंतर्दृष्टि दी। 

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संगोष्ठी में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमे प्रतिभागियों ने अपने-अपने दृष्टिकोण व्यक्त किये और समान रूप से सराहा।

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