Morbi Bridge Collapse: मोरबी ब्रिज हादसे पर HC ने नगर पालिका को दी चेतावनी, कहा- 'जवाब दाखिल करें या एक लाख भरें जुर्माना'
मोरबी सिविल बॉडी की तरफ से कोर्ट में आए वकील ने कोर्ट में कहा है कि नगर पालिका का प्रभार संभाल रहे डिप्टी कलेक्टर चुनाव ड्यूटी पर हैं।

गांधीनगर। गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी ब्रिज हादसे पर नगर पालिका के ढुलमुल रवैए पर कड़ा रुख अपना लिया है। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्ख अंदाज में कहा, 'इस मामले को हल्के में न लें। आज शाम 4:30 बजे तक जवाबी हलफनामा दाखिल करें नहीं तो 1 लाख रुपए का जुर्माना भरें।' मोरबी हादसे पर सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर है, लेकिन मोरबी नगर पालिका को 16 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था।
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मोरबी सिविल बॉडी की तरफ से कोर्ट में आए वकील ने कोर्ट में कहा है कि नगर पालिका का प्रभार संभाल रहे डिप्टी कलेक्टर चुनाव ड्यूटी पर हैं। वे कोर्ट के 7 नवंबर के आदेश के अनुसार जवाब दाखिल करने के लिए वकील सिलेक्ट नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि, सिविक बॉडी ने हलफनामा दाखिल करने के लिए 24 नवंबर तक का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद सिविक बॉडी ने बेंच को सूचित किया।
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दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट ने एक दिन पहले भी मोरबी नगर पालिका को जमकर फटकार लगाई थी। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा था, "नोटिस जारी होने के बावजूद, मोरबी नगर पालिका की तरफ से कोई भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। वे ज्यादा होशियार बन रहे हैं। पहले जवाब देने हाजिर हों।"
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