Khatu Shyam Mandir: अनिश्चितकाल के लिए बंद हुआ खाटू श्याम मंदिर, भगदड़ से 3 की मौत के बाद मंदिर कमेटी का फैसला

 
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Khatu Shyam Mandir: खाटू श्याम मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकासी व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा। 75 फीट मेला ग्राउंड में लाइन बढ़ाई जाएगी और बचे हुए हिस्से को शेड से कवर किया जाएगा। कृष्ण सर्किट योजना में बने रेस्ट रूम, टॉयलेट और आवास शुरू होंगे।

नई दिल्ली। Khatu Shyam Mandir: सीकर का खाटू श्याम मंदिर रविवार रात 10 बजे से अगले आदेशों तक बंद रहेगा। मंदिर कमेटी ने यह आदेश जारी किया। दरअसल तीन महीने पहले यहां भगदड़ मच गई थी। जिसमें 3 महिलाओं की मौत हो गई थी। अब प्रशासन और मंदिर कमेटी ने इस निर्णय लिया है। मंदिर में भक्तों के दर्शन की व्यवस्था को सुरक्षित बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है। ऐसे में अब खाटू श्याम के भक्त कई दिनों तक मंदिर के दर्शन नहीं कर पाएंगे।

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मंदिर परिसर में किए जाएंगे बदलाव
पिछले हफ्ते सीकर के कलेक्टर डॉ. अमित यादव और एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बैठक की थी। बैठक में तय हुआ कि मंदिर को कुछ दिनों के लिए बंद किया जाएगा। ऐसे में रविवार को मंदिर कमेटी ने मंदिर को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया है। अब खाटू श्याम मंदिर क्षेत्र में दर्शनों की कतार बढ़ाई जाएगी। साथ ही अन्य कई सुविधाओं में वृद्धि की जाएगी। फाल्गुन महीने से पहले मंदिर में व्यवस्था बढ़ाईं जाएगी।

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मंदिर में ये काम होंगे
खाटू श्याम मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकासी व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा। 75 फीट मेला ग्राउंड में लाइन बढ़ाई जाएगी और बचे हुए हिस्से को शेड से कवर किया जाएगा। लखदातार मैदान में सीसी कवर्ड, टीन शेड और जिगजैग बनाया जाएगा। मैदान के बाहर एग्जिट गेट पर बड़ा दरवाजा लगाया जाएगा। फतेहाबाद धर्मशाला के सामने रास्ते पर सीसी सड़क बनेगी। कृष्ण सर्किट योजना में बने रेस्ट रूम, टॉयलेट और आवास शुरू होंगे।

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खाटू श्याम से जुड़ी अहम जानकारी
मंदिर कमेटी के अनुसार करीब 995 साल पहले ग्यारस के दिन बाबा खाटू श्याम का शीश श्यामकुंड में मिला था। यहां कुएं के पास एक पीपल का वृक्ष था। यहां पर गायें दूध देकर जाती थीं। गांव वालों ने उस जगह खुदाई की तो बाबा का शीश मिला। फिर शीश को चौहान वंश की नर्मदा कंवर को सौंप दिया गया। मंदिर की स्थापना विक्रम संवत 1084 में हुई। तब देवउठनी एकादशी थी। श्याम कुंड के पास आज भी वो पीपल का वृक्ष है। कहा जाता है कि राजा दशरथ के वंशज खटवांग के समय बाबा श्याम का शीश मिला था। उनके नाम पर गांव का नाम खाटू पड़ा और श्रीकृष्ण से श्याम नाम मिला।

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