Jammu and Kashmir: टारगेट किलिंग के डर से कश्मीरी पंडित घर छोड़ने को मजबूर, जानिए पूरा मामला...

श्रीनगर। घाटी में लगातार हो रही कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के कारण बीते दिनों कई कश्मीरी पंडितों ने अपना घर छोड़ दिया। गुरुवार को शोपियां के चौधरीगुंड गांव की आखिरी कश्मीरी पंडित महिला डॉली कुमारी भी अपने परिवार के साथ घर छोड़कर चली गईं। डॉली कुमारी जैसे करीब 10 ऐसे पंडित परिवार थे, जो अपना घर छोड़कर जम्मू जा चुके हैं।
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खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, टारगेट किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेटेड किलिंग कि घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खासतौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सॉफ्ट टागरेट बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।
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तो वही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉली ने कहा कि मैंने हिम्मत दिखाकर वहां रहना चाहा, लेकिन वहां डर का माहौल है, इसलिए रहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अन्य लोगों के गांव छोड़ने के बाद भी मैंने रुकने का फैसला किया था। इस उम्मीद में की हालात सुधर जाएंगे, लेकिन ऐसे हालात नजर नहीं आ रहे हैं। अगर आगे जाकर स्थिति ठीक होती है, तो मैं अपने घर वापस आ जाउंगी। किसी को अपना घर छोड़कर जाना अच्छा नहीं लगता है। मुझे घर छोड़ते हुए बहुत दुख हो रहा है।
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