Indian Navy: प्रोजेक्ट-75 की पांचवी कलवरी क्लास पनडुब्बी इंडियन नेवी को सौंपी, समुद्र में और बढ़ी भारत की ताकत

कलवरी क्लास की पहली सबमरीन 2017 में नेवी को मिली थी। 24 महीने की अवधि में भारतीय नौसेना को तीसरी पनडुब्बी दे दी गई है।
 
Indian Navy: प्रोजेक्ट-75 की पांचवी कलवरी क्लास पनडुब्बी इंडियन नेवी को सौंपी, समुद्र में और बढ़ी भारत की ताकत

नई दिल्ली। प्रोजेक्ट 75 की पांचवी कलवरी क्लास पनडुब्बी यार्ड 11879 वागीर मंगलवार को इंडियन नेवी को सौंप दी गई। आपको बात दे, इंद्रकुमार गुजराल सरकार ने 25 पनडुब्बियां नेवी को देने का फैसला किया था। इसके लिए प्रोजेक्ट 75 बनाया गया। इस प्रोजेक्ट के तहत पनडुब्बियों को बनाने के लिए 30 साल की योजना बनाई गई। 2005 में, भारत और फ्रांस ने छह स्कॉर्पीन डिजाइन की पनडुब्बियां बनाने के लिए 3.75 अरब डॉलर के कांट्रैक्ट पर दस्तखत किए। 

विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, कॉल 8279269659

कलवरी क्लास की पहली सबमरीन 2017 में नेवी को मिली थी। 24 महीने की अवधि में भारतीय नौसेना को तीसरी पनडुब्बी दे दी गई है। पनडुब्बी को जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा और भारतीय नौसेना की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। स्कॉर्पिन डिजाइन की सभी सबमरीन एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाना, माइन लगाने और एरिया सर्विलांस का काम कर सकती हैं।

यह खबर भी पढ़ें: विदाई के समय अपनी ही बेटी के स्तनों पर थूकता है पिता, फिर मुड़वा देता है सिर, जानें क्यों?

प्रोजेक्ट-75 के तहत स्कॉर्पीन डिजाइन की कुल छह स्वदेशी पनडुब्बियां बनाई जाना हैं। इन पनडुब्बियों का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई में किया जा रहा है। मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस इसमें सहयोग कर रहा है। दोनों कंपनियों के बीच 6 सबमरीन तैयार करने लिए 2005 में करार हुआ था। वागीर को 12 नवंबर 2020 को लांच किया गया था। एक फरवरी 2022 से वागीर ने समुद्री ट्रायल्स शुरू किए। इसने दूसरी पनडुब्बियों के मुकाबले सबसे कम समय में हथियार और सेंसर के प्रमुख ट्रायल्स पूरे कर लिए।  नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि पनडुब्बी से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा।

Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप

From around the web