ISRO PSLV-C54 Launch: अंतरिक्ष में ओशनसैट-3 के अलावा हुई कई नैनो सैटेलाइट्स की एंट्री, जानें ISRO के लॉन्च की 8 बड़ी बातें

ISRO PSLV-C54 Mission Launch: ओशनसैट-3 के साथ 8 नैनो सैटेलाइट्स को भी लॉन्च किया गया, जिसमें भूटान के लिए एक खास रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट भी शामिल है। इसका नाम भूटानसैट दिया गया है।
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानी ISRO ने एक और ऊंची उड़ान भरी है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से ओशनसैट-3 सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है। PSLV-C54 रॉकेट से इसे लॉन्च किया गया। इस लॉन्च के बाद इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि पीएसएलवी-सी54 ने ओशनसैट-3 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक उसकी तय की गई कक्षा में स्थापित किया है। इसे सैटेलाइट्स के मामले में इसरो की एक और बड़ी कामयाबी की तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले भी इसरो ने ऐसे कई बड़े और अहम सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा है। आइए जानते हैं ओशनसैट-3 सैटेलाइट की लॉन्चिंग की 8 बड़ी बातें।
विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, कॉल 8279269659
1. रविवार सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस रॉकेट को लॉन्च किया गया। जिसके बाद करीब 11 बजे तक इसने सफलतापूर्वक सैटेलाइट को उनकी कक्षा में स्थापित करने का काम किया। इस पूरे प्रोसेस में करीब 56 मिनट का वक्त लगा।
2. इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने बताया कि पीएसएलवी-सी54 की लॉन्चिंग के 17 मिनट बाद कक्षा में पहुंचने पर ओशनसैट सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया और उसे कक्षा में स्थापित कर दिया गया।
यह खबर भी पढ़ें: शादी किए बगैर ही बन गया 48 बच्चों का बाप, अब कोई लड़की नहीं मिल रही
3. ओशनसैट-3 सैटेलाइट को ओशनसैट-2 के खराब होने के बाद लॉन्च किया गया। जिसे साल 2009 में लॉन्च किया गया था। यानी ये नई सैटैलाइट अब पुरानी की जगह लेगी और तमाम तरह की जानकारियां जमीन तक पहुंचाने का काम करेगी।
4. ओशनसैट-3 सैटेलाइट की बात करें तो इसका काम समुद्री सतह के तापमान और इसे लेकर तमाम तरह की जानकारियों को इकट्ठा करना है। इससे प्रदूषण और हानिकारक तत्वों की जांच हो पाएगी। इस सैटेलाइट का वजन करीब 1 हजार किलो है।
यह खबर भी पढ़ें: शादी से ठीक पहले दूल्हे के साथ ही भाग गई दुल्हन, मां अब मांग रही अपनी बेटी से मुआवजा
5. ओशनसैट-3 के साथ 8 नैनो सैटेलाइट्स को भी लॉन्च किया गया, जिसमें भूटान के लिए एक खास रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट भी शामिल है। इसका नाम भूटानसैट दिया गया है, यानी ये भारत और भूटान का सैटेलाइट है।
6. भूटान की इस नैनो सैटेलाइट में रिमोट सेंसिंग कैमरे लगे हैं, इसे लेकर भारत ने भूटान को टेक्नोलॉजी शेयर की थी। इस नैनो सैटेलाइट का काम कई तरह की जमीनी जानकारी देना है। रेलवे ट्रैक, पुल और अन्य जरूरी निर्माणों को लेकर इसकी मदद ली जाएगी।
यह खबर भी पढ़ें: ऐसा गांव जहां बिना कपड़ों के रहते हैं लोग, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
7. 44.4 मीटर लंबे PSLV-C54 रॉकेट में प्राइवेट कंपनी का सैटेलाइट भी लॉन्च किया गया है। इसमें बेंगलुरु बेस्ड कंपनी पिक्सल का आनंद सैटेलाइट लॉन्च किया गया है। इसके अलावा बाकी के नैनो सैटेलाइट भी अलग-अलग स्पेस कंपनियों ने तैयार किए हैं।
8. इस मिशन को इस साल यानी 2022 के लिए इसरो का आखिरी मिशन बताया जा रहा है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इस लॉन्चिंग को लेकर खुशी जाहिर की और बताया कि लॉन्च होने के बाद पूरी कवायद में दो घंटे का समय लगने की उम्मीद है।
Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप