गुजरात: बीजेपी की रैलियों का रेला, लेकिन चुपचाप प्रचार कर रही कांग्रेस, जानें- AAP की भी रणनीति

गुजरात चुनाव को त्रिकोणीय बनाने वाली आम आदमी (AAP) पार्टी राज्य में दिल्ली मॉडल लागू करते हुए बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो करने से लेकर मुफ्त उपहार और गारंटी देने तक, सब कुछ कर रही है।
नई दिल्ली। गुजरात चुनावों में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। बीजेपी-कांग्रेस के बीच दशकों पुराने सियासी संग्राम में इस बार आम आदमी पार्टी भी कूद पड़ी है। तीनों दल इसके लिए एड़ी-चोटी एक कर रहे हैं। बीजेपी जहां रैलियों का रेला लगा रही है, वहीं कांग्रेस गुपचुप तरीके से चुनाव प्रचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बीजेपी कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने को कहा है। राज्य में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होने हैं।
विज्ञापन: "जयपुर में निवेश का अच्छा मौका" JDA अप्रूव्ड प्लॉट्स, मात्र 4 लाख में वाटिका, टोंक रोड, कॉल 8279269659
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में गुजरात भाजपा कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने की चेतावनी दी और कहा,"भले ही वे (कांग्रेस) रैलियां न करें या जनसभाएं और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित न करें, वे चुपचाप काम कर रहे हैं, इसलिए सतर्क रहें।"
यह खबर भी पढ़ें: बेटी से मां को दिलाई फांसी, 13 साल तक खुद को अनाथ मानती रही 19 साल की बेटी, जाने क्या था मामला
मोदी कांग्रेस की खटला बैठकों या अनौपचारिक बैठकों का जिक्र कर रहे थे। विपक्षी पार्टी, कांग्रेस- जिसने 2017 में भाजपा के खिलाफ एक जोरदार लड़ाई लड़ी थी और 1995 के बाद पहली बार बीजेपी को 99 सीटों पर सिमटने को मजबूर कर दिया था- इसबार चुपचाप काम कर रही है। हालांकि, अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप ने पीएम मोदी के गृहराज्य में एक उत्साही अभियान शुरू किया है।
यह खबर भी पढ़ें: शादी किए बगैर ही बन गया 48 बच्चों का बाप, अब कोई लड़की नहीं मिल रही
कांग्रेस पार्टी ने बड़ी रैलियों या रोड शो के बजाय घर-घर प्रचार करने से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी-छोटी सभाओं को संबोधित करने तक अपने अभियान को केंद्रित किया है। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि कांग्रेस की इस रणनीति में बदलाव पैसे की कमी के कारण है या कोर वोटर्स पर ध्यान केंद्रित करने का एक सुविचारित फैसला है। हालांकि, कांग्रेस आश्वस्त दिखती है।
कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल कहते हैं, “हर पार्टी अपनी रणनीति के साथ आती है। हमारे कोर ग्रुप ने काफी होमवर्क के बाद सोचा कि इससे बेहतर नतीजे मिलेंगे। चुपचाप काम करने का मतलब यह नहीं है कि हम निष्क्रिय हैं।” गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी कहते हैं, 2017 में हमने बीजेपी को 99 पर रोका था, इस बार हम 125 पर पहुंचेंगे।
यह खबर भी पढ़ें: शादी से ठीक पहले दूल्हे के साथ ही भाग गई दुल्हन, मां अब मांग रही अपनी बेटी से मुआवजा
उधर, चुनाव को त्रिकोणीय बनाने वाली आम आदमी पार्टी राज्य में दिल्ली मॉडल लागू करते हुए बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो करने से लेकर मुफ्त उपहार और गारंटी देने तक, सब कुछ कर रही है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने गुजरातियों को दिल्ली मॉडल की पेशकश करते हुए सौराष्ट्र में कहा, "कोई अन्य पार्टी आपसे स्कूलों, अस्पतालों, बिजली, रोजगार के बारे में बात करने नहीं आती है। हमारी एकमात्र पार्टी है, जो ऐसा कर रही है।" केजरीवाल ने कहा, “पहले, गुजरात के लोगों के पास कोई विकल्प नहीं था। किसी भी सरकार ने बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के असली मुद्दों पर बात नहीं की। विधानसभा चुनाव के नतीजे सभी को चौंका देंगे।”
यह खबर भी पढ़ें: ऐसा गांव जहां बिना कपड़ों के रहते हैं लोग, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
आप की गुजरात चुनाव में एंट्री ने न सिर्फ लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है बल्कि बीजेपी को ड्रॉइंग बोर्ड पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया है। बीजेपी अपने घोषणा पत्र पर जनता की राय जानने के लिए अभियान चला रही है। यह आप के "अपना मुख्यमंत्री चुनें" अभियान का ही अनुसरण है।
Download app : अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप