प्रख्यात आर्कियोलॉजिस्ट पद्मविभूषण प्रोफेसर बीबी लाल का हुआ निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
उनके निधन से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पुराविद काफी स्तब्ध हैं। उनकी उम्र 101 साल की थी।

नई दिल्ली। भारत के प्रख्यात आर्कियोलॉजिस्ट पद्मविभूषण प्रोफेसर बीबी लाल के निधन हो गया। उनके निधन से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पुराविद काफी स्तब्ध हैं। उनकी उम्र 101 साल की थी। वह बहुत दिनों से बीमार चल रहे थे। शनिवार को उन्होंने दिल्ली स्थित एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। इनका जन्म झांसी जिला के बैडोरा गांव में 02 मई 1921 को हुआ था। उन्होंने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक के रूप में सेवा शुरू की। वह BHU में 2015 ज्ञान-प्रवाह कार्यक्रम में आए थे। उस समय राजघाट पुरातात्विक स्थली पर खुदाई चल रही थी। उसमें से जो वस्तुएं मिलीं थी, उसी का अवलोकन करने बनारस आए। BHU के प्रोफेसरों के साथ उन्होंने स्टडी कर बताया था कि राजघाट में मिली वस्तुओं का इतिहास 1500 ईसा पूर्व यानी कि आज से 3500 साल पुराना है। इसके पहले लोग ईसा पूर्व की मान्यता थी। साल 1998 में आए थे। एलडी गेस्ट हाउस में ठहरे थे।
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प्रो. बीबी लाल के शिष्य प्रो. अशोक सिंह ने कहा, ''बीएचयू के पुराविद प्रोफेसर एके नारायण ने 60 के दशक में पहली बार अयोध्या में पुरातात्विक उत्खनन का काम शुरू कराया। BHU के इस प्रोजेक्ट को किसी वजह से आगे नहीं बढ़ा सका, तो उन्होंने खुदाई का काम अपने हाथ में लिया। जब वहां से प्राचीन वस्तुएं मिलीं, तो उन्होंने BHU को पुरातात्विक वस्तुओं के बारे जानकारी दी थी। इसी पुरातात्विक साक्ष्य के आधार पर कोर्ट में यह सिद्ध हो सका कि अयोध्या में मंदिर था।" उन्होंने प्रो. लाल ने हस्तिनापुर (उप्र), शिशुपालगढ़ (ओडिशा), पुराना किला (दिल्ली), कालिबंगन (राजस्थान) सहित कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों की खुदाई की। 1975-76 के बाद से, प्रो. लाल ने रामायण के पुरातात्विक स्थलों के तहत अयोध्या, भारद्वाज आश्रम, श्रंगवेरपुरा, नंदीग्राम और चित्रकूट जैसे स्थलों की जांच की।
Shri BB Lal was an outstanding personality. His contributions to culture and archaeology are unparalleled. He will be remembered as a great intellectual who deepened our connect with our rich past. Pained by his demise. My thoughts are with his family and friends. Om Shanti. pic.twitter.com/eA3MlNI27Q
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2022
पीएम ने ट्वीट कर लिखा, 'बी बी लाल एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व थे। संस्कृति और पुरातत्व में उनका योगदान अद्वितीय है। उन्हें एक महान बुद्धिजीवी के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने हमारे समृद्ध अतीत के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा किया। उनके निधन से आहत हूं। मेरे विचार उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। ओम शांति।'
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ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल, वाराणसी के बीआर मणि, BHU के पुराविद प्रोफेसर अशोक सिंह और प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह, जीन वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे और राखीगढ़ी उत्खनन के हेड प्रो. वसंत शिंदे ने दुख जताया है। कहा कि प्रोफेसर लाल ऑर्कियोलॉजी के भीष्म पितामह थे। आज BHU उनका ऋणि है, वो हमारे गुरु हैं। आज अयोध्या में राम मंदिर तेजी से तैयार हो रहा है। मंदिर वहां पर क्यों बने, इसका आधार तैयार करने में प्रो. लाल की भूमिका काफी बड़ी है।
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