घने कोहरे से उत्तर भारत में इस दिन मिलेगी राहत, ट्रैफिक का जीरो विजिबिलिटी से बुरा हाल

दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
नई दिल्ली। चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली सहित उत्तर भारत में घने कोहरे ने लगातार दूसरी सुबह रेल, हवाई और सड़क यातायात को प्रभावित किया। आईएमडी के अनुसार, बठिंडा और अमृतसर ने सबसे कम दृश्यता वाले (जीरो विजिबिलिटी) स्थान रहे। मंगलवार सुबह लगभग साढ़े 5 बजे, बठिंडा ने जीरो विजिबिलिटी दर्ज की। जबकि अमृतसर में 25 मीटर तक सुधार दिखा। राष्ट्रीय राजधानी में दृश्यता घटकर 50 मीटर तक रह गयी और यातायात भी प्रभावित हुआ। हालांकि, हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि उड़ान सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा। हालांकि अब उत्तर भारत में घने कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद है।
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कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद
सिंधु गंगा के मैदानी इलाकों में निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर सापेक्ष आर्द्रता में कमी के कारण 22 दिसंबर की रात और 23 दिसंबर की सुबह के आसपास कोहरे की स्थिति और दृश्यता में सुधार होने की उम्मीद है। आईएमडी ने कहा कि अगले दो दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति बनी रहेगी और इसके बाद तीव्रता में कमी आएगी। सतह के पास प्रदूषकों के अलावा, मौसम कार्यालय ने आईजीपी पर निचले क्षोभमंडल स्तरों पर नमी और हल्की हवाओं को स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया।
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किसे कहा जाता है ‘बहुत घना’ कोहरा?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, ‘बहुत घना’ कोहरा तब कहा जाता है जब दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच होती है, 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता को ‘घना’ कोहरा, 201 से 500 को ‘मध्यम’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता को ‘हल्का’ कोहरा कहा जाता है। मौसम विभाग ने सोमवार को अनुमान जताया था कि सिंधु-गंगा के मैदानी हिस्सों यानी उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों में अगले पांच दिन ‘‘घने से बहुत घना कोहरा’’ छाया रह सकता है जिससे ट्रेनों तथा उड़ानों को रद्द किया जा सकता है या उनके मार्ग में परिवर्तन किया जा सकता है।
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मंगलवार को 11 ट्रेनें एक से पांच घंटे की देरी से चलने की खबर है। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि पालम और सफदरजंग हवाईअड्डों पर सुबह साढ़े पांच से सात बजे के बीच दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई। उपग्रह से ली गयी तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कोहरे की मोटी परत दिखी। मौसम विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा था, ‘‘सिंधु-गंगा के मैदानी हिस्सों में निचले क्षोभमंडलीय स्तर पर नमी और हल्की हवा चलने के कारण पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिन रात/सुबह के समय घने से बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।’’
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आईएमडी ने एक परामर्श जारी करते हुए कहा कि राजमार्गों पर वाहन चलाने में मुश्किल के कारण वाहनों के बीच टक्कर होने की आशंका है। परामर्श में कहा गया है, “ट्रेनों के देरी से चलने, मार्ग बदलने और रद्द होने की संभावना है। उड़ान में देरी और रद्द होने से हवाई यातायात संचालन प्रभावित होने की संभावना है।” मौसम विभाग ने कहा कि लंबे समय तक कोहरे के संपर्क में रहने से गले में खराश, खांसी और अस्थमा से पीड़ित लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इससे आंखों में जलन या संक्रमण भी हो सकता है। उसने यात्रियों को लंबा सफर करने पर पानी तथा दवा जैसा जरूरी सामान साथ रखने की सलाह दी।
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दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। अगले कुछ दिनों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान गिरकर पांच डिग्री सेल्सियस और 20 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। मौसम विभाग कार्यालय ने पहले कहा था कि उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में मुख्य रूप से पश्चिमी विक्षोभ की संभावित मंद गतिविधि के कारण सर्दियों में कम ठंड पड़ने की उम्मीद है।
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