Budget 2023-24: चीन पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' की तैयारी पूरी, बजट में मोदी सरकार कर सकती है बड़ा ऐलान!

नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन का अपने लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद है। हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। हालांकि, भारतीय सैनिकों ने उन्हें बुरी तरह खदेड़ दिया। अब केंद्र की मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ बड़े आर्थिक फैसले लेने का मन बना लिया है। संसद में साल 2023-24 के लिए पेश किए जाने वाले बजट में इसकी घोषणा किए जाने की संभावना है।
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रिपोर्ट के मुताबिक इस बजट में चीन से भारत की आयात निर्भरता कम करने के उपायों को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है। 'आत्मनिर्भर भारत' के अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार कड़े फैसले ले सकती है। इस मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। केंद्र सरकार के इस फैसले से चीन में निर्मित उत्पादों के भारत में प्रवेश पर रोक लग सकती है। चीन के लिए यह किसी सर्जिकल स्ट्राइक से कम नहीं होगा, क्योंकि भारत चीनी सामानों का बड़ा बाजार है। हालांकि, भारत अपने पड़ोसी देशों से कच्चे माल का आयात करना जारी रखेगा।
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एक अधिकारी ने बताया है कि चीन में तैयार उत्पादों के आयात की जांच करने का एक तरीका सीमा शुल्क पुन: जांच के माध्यम से है। कई मदों पर सीमा शुल्क का पुनर्गठन किए जाने की संभावना है। इसे बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार इस बजट में अपने 'मेक इन इंडिया' अभियान को भी बढ़ावा दे सकती है। भारतीय कंपनियां और सरकारी विभाग अब तक चीन के 100 से ज्यादा उत्पादों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। इनमें पॉलिएस्टर यार्न, ऑप्टिकल फाइबर, सोलर सेल, विनाइल टाइल्स, सैकरिन, आई लेंस, विभिन्न स्टील आइटम, रसायन, चीनी मिट्टी की चीज़ें, टेबलवेयर, रसोई के बर्तन, निर्मित ग्लासवेयर, एल्यूमीनियम पन्नी, और एमोक्सिसिलिन और ओफ़्लॉक्सासिन जैसे फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन शामिल हैं।
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वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा है कि चीन के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस बजट में इस मसले का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'हाल ही में चीन से आयात में गिरावट आई है। वैश्विक मांग में कमी के कारण कीमतों में गिरावट भी एक कारक हो सकती है। सरकार की आत्मनिर्भर भारत नीति ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है।' आपको बता दें कि वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2022 में चीन से भारत का माल आयात 9.73 फीसदी गिरकर 7.85 अरब डॉलर रह गया. एक साल पहले इसी महीने में यह 8.7 अरब डॉलर था।
विशेषज्ञों ने कहा कि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की व्यापार नीति और उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना चीन पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने में अच्छा काम कर रही है। उनका कहना है कि बजट उसी पॉलिसी लाइन को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ा सकता है।
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