सनावादिया में बहाई युगल अवतार बाब और बहाउल्लाह का जन्मोत्सव जनक पलटा मगिलिगन के निवास 

 
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बहाई युगल अवतार बाब और बहाउल्लाह की जयंती गांव सनावादिया स्थित  जिम्मी और मगिलिगन के घर गिरिदर्शन में हर्षौल्लास, आत्मीय प्रेम और आनंद  और प्रकृति व पर्यावरण के अनुकूल  मनाई गई। इस कार्यक्रम के सूत्रधार समीर शर्मा ,प्रख्यात आईटी विशेषज्ञ ने बच्चों अलाईना, अंजलि, अरमान, विराज, काव्या, गुरुबक्श, नव्या द्वारा बहाई प्रार्थना ,और सुभाष और संध्या तर्फदार (केन्द्रीय विद्यालय की वाइस प्रिंसिपल) डिजाइन इंजीनियर सुनील और वित्त प्रबंधक रवीना चौहान, जनक पलटा मगिलिगन द्वारा भक्तिपूर्ण बहाई पवित्र श्लोको के सस्वर पाठ से कार्यक्रम का शुभारंभ किया ! सभी विशिष्ट अतिथि प्रतीक जैन वित्त निदेशक, पर्यावरणविद् युगल राजेंद्र सिंह और चंचल कौर, पर्यावरण मित्र राखी भाई राजेंद्र ओचानी और ज्योति भाभी, नर्सिंग कॉलेज प्राचार्य डॉ उषा उकांडे और डॉ मंजू जोशी, डॉ अजय सिसोदिया , डॉ मोहित दुबे दोनों मेडिकल ऑफिसर ने द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया ! 

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 जनक दीदी ने नम्रतापूर्वक बहाई युगल अवतार बाब और बहाउल्लाह के जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर सभी का स्वागत करते हुए कहा
बाब बहाई धर्म के अग्रदूत हैं जिन्होंने बहाई धर्म के संस्थापक ,इस युग के अवतार  बहाउल्लाह के आने की भविष्वाणी की  । दोनों इस युग के दैवीय शिक्षक हैं जो इस  युग के लिए  वासुधेव कुट्टूम्भकम की स्थापना  करने आए । जनक दीदी ने बताया कि उन्होंने  स्वयं  और पति जिम्मी मगिलिगन ने बहाई शिक्षाओं का पालन करने के लिए प्रयासरत  है। सतत विकास के बारे में उनकी परिभाषा का आधार  भी यह ही कि जैसा दुनिया के सभी धर्मों में समय समय पर यही  सिखाया गया है कि सृष्टि के रचियेता से प्रेम के लिए: मानव जाति की भलाई, शांति और न्याय ईश्वर की सभी रचनाओं , समस्त प्राणियो, मनुष्यों, जानवरों के साम्राज्य, वनस्पति, खनिजों और प्रकृति के पांच तत्वों के साथ सद्भावना से विश्व के कल्याण में योगदान के लिए स्वयं से स्थायी स्तर पर प्रयास/कर्म  करते रहना है ।

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इंदौर कि युवा बहाई वक्ता  डॉ प्रिया शर्मा ने युगल अवतार  बाब और बहाउल्लाह इस युग के दिव्य संदेशवाहक, ईश्वर की एकता ,धर्म की एकता  मानव जाति की एकता  आज विश्व शांति और विकास के लिए, पूरी दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत है। यह उनके परमेश्वर के दूत के रूप में आने के बारे में भविष्यवाणियों के अनुसार है जब "पृथ्वी बदल जाएगी, अस्तित्व की दुनिया का नवीनीकरण किया जाएगा , न्याय और सच्चाई दुनिया में स्थापित होगी , शत्रुता और घृणा मिट जाएगी; लोगों, नस्लों और राष्ट्रों के बीच विभाजन के सभी कारण गायब हो जाएंगे; और मिलन का कारण, सद्भाव और सहमति प्रकट होगी। इन दोनों दिव्य शिक्षको ने दुनिया को एक साथ लाने और नई विश्व व्यवस्था, सार्वभौमिक शांति, ईश्वर की एकता, धर्म और मानवता की स्थापना, पूर्वाग्रहों से मुक्ति, मानवता की शक्ति और आध्यात्मिक एकता, और पूर्वाग्रह का परित्याग, विज्ञान और धर्म के बीच सद्भाव, स्त्री पुरुष समानता जैसे युग अनुसार नियमो की स्थापना के लिए उन्हें और उनके अनुयायियों को उस समय कट्टर मुलाओं के अत्यचार अमानवीय यातनाये और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा । उन्हें सरकार द्वारा प्राणदण्ड दिया गया ।  बाब को 33 वर्ष  की आयु में अपना जीवन बलिदान दिया उन्हें 750 गोलियों से  शहीद किया गया।

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बहाउल्लाह ने 40 साल जेल और निर्वासन में कठोर परिस्थितियों में गुजारे। लेकिन उनकी शिक्षा और अनुसरण पूरी दुनिया में फैला हुआ है। भारत में बहाई लोटस टेम्पल विश्व प्रसिद्ध और सम्मानित है और सभी धर्मों के संबंध में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति का संदेश फैलाने के लिए मान्यता प्राप्त है। दुनिया भर में लाखों बहाई इस त्योहार को विविधता में एकता की भावना से मनाते हैं। सभी मानवता और सामाजिक-आर्थिक-आध्यात्मिक-पर्यावरण विकास में सक्रिय रूप से शामिल हैं। पंचायत ग्राम सचिव मनोज नागर एवं आदित्य, नंदा एवं राजेन्द्र चौहान ,

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बहाई परिवार श्रीमती रोशनी मालवीय सहायक निदेशक महिला एवं बाल विकास अधिकारी  एवं उनके पति अभिषेक अधिवक्ता उच्च न्यायालय,ब्लाक मेडिकल ऑफिसर पदाधिकारी डॉ. प्रकाश कौशल, दंत चिकित्सक डॉ.संविदा , पूर्व संयुक्त निदेशक नगर एवं ग्राम नियोजन डॉ. आर.बी. शर्मा, कम्प्यूटर इंजीनियर उनके बेटे सुमित शर्मा एवं परिवार. अमेरिका की जन्मी- इंदौरी , विकास शोधकर्ता कैरोलिना फजली और सभी विशिस्ट अतिथि  ने मिलकर गिरिदर्शन को मिट्टी के दीये जला प्रकाशित कर  घर में बने देसी भोजन का आनंद लिया। समीर शर्मा ने आभार प्रकट किया

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