Narayana Multispeciality Hospital की एक और उपलब्धि: जटिल Bypass Surgery से ठीक किया हार्ट के 9 सेमी लंबे ब्लॉकेज को

समय पर सर्जरी न होती तो जा सकती थी मरीज की जान

 
Narayana Multispeciality Hospital jaipur

जयपुर। नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल (Narayana Multispeciality Hospital) की कार्डियक सर्जरी (Cardiac Surgery) टीम ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। हार्ट में सामन्यतः 1 से 2 सेमी. का ब्लॉकेज पाया जाता है, लेकिन बीकानेर निवासी 60 वर्षीय सुरेंद्र (परिवर्तित नाम) के हार्ट में जमे 9 सेमी लंबे ब्लॉकेज (9 cm long blockage) को निकालने में सफलाता पायी है। अगर मरीज के समय पर ब्लॉकेज नहीं निकाला जाता तो किसी भी समय हार्ट अटैक आ सकता था, जिसके कारण जानलेवा स्थिति भी बन सकती थी। नारायणा हॉस्पिटल के डॉ. सी.पी. श्रीवास्तव (डायरेक्टर एवं विभागाध्यक्ष - कार्डियक सर्जरी) (Dr. CP Srivastava, Director and Head of Department - Cardiac Surgery) ने समय रहते उनकी जटिल बायपास सर्जरी कर उन्हें नया जीवनदान दिया।

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सामान्य स्टेंटिंग नहीं थी कारगर

Dr. C.P Srivastava
Dr. C.P Srivastava

नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के कार्डियक सर्जरी विभाग के डायरेक्टर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सी.पी. श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज के हार्ट की आर्टरी में 9 सेमी लंबा एथोर्मा (एक प्रकार का वसायुक्त ब्लॉकेज) जम गया था जिसके कारण मरीज के हार्ट की आर्टरी सिकुड़ती जा रही थी। इस केस में सामान्य इंटरवेंशनल प्रोसीजर कारगर नहीं थी इसीलिए हमने बायपास सर्जरी करने का निर्णय लिया। बायपास सर्जरी में एक स्वस्थ नस का ग्राफ्ट लेकर उसे ब्लॉक हुई आर्टरी से रिप्लेस किया जाता है। अगर मरीज की उम्र अधिक होती है तो बायपास सर्जरी काफी जटिल हो जाती है इसीलिए मरीज को लंबे समय तक सर्जरी का फायदा मिले, इसके लिए हमने छाती से ही दूसरी नस ली। मरीज के पिता की सर्जरी भी नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल,जयपुर में ही हुई थी इसीलिए सुरेंद्र (परिवर्तित नाम) ने भी अपनी सर्जरी यहीं कराने का निर्णय लिया।

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एक हफ्ते में शुरू हुई सामान्य दिनचर्या
पांच घंटे से भी ज्यादा लंबी चली इस सर्जरी में मरीज के हार्ट से 9 सेमी लंबा ब्लॉकेज सफलातपूर्वक निकाल लिया गया। बायपास सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा है कि रिप्लेस की गई नस से रक्त प्रवाह जल्दी शुरू हो जाता है। सर्जरी के एक ही हफ्ते बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया और वें अपनी सामान्य दिनचर्या में भी लौट आयें है।

नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. प्रदीप गोयल ने बताया कि, अमूमन यह देखा गया है कि जिन मरीजों में इस प्रकार के कोरोनरी ब्लॉकेज पाये जाते है उन्हें सर्जरी के लिए मना कर दिया जाता है और उन्हें केवल दवाओं पर ही निर्भर रहना पड़ता है क्योंकि यह सर्जरी बहुत जोखिमपूर्ण होती है। लेकिन, नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में इस तरह की हाई रिस्क कार्डियक सर्जरी नियमित रूप से सफलतापूर्वक की जाती हैं।

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नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर की फैसिलिटी डायरेक्टर बलविन्दर सिंह वालिया ने कहा कि, मरीजों को सर्जरी की यदि ज़रूरत हो तो देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस तरह की सर्जरी में देरी करना प्रतिकूल हो सकता है। मरीज़ डॉक्टर की सलाह पर जल्द से जल्द इलाज शुरू करने को प्राथमिकता दें, ताकि वे जल्द से जल्द ठीक हो सकें और बेहतर जिंदगी बिता सकें।

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