Ajay Maken Resigns: कांग्रेस नेता अजय माकन का राजस्थान प्रभारी पद से इस्तीफा, खड़गे को पत्र लिखकर कही ये बात...

माकन ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्टी लिखकर राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम करने से मना कर दिया है। 
 
Ajay Maken Resigns: कांग्रेस नेता अजय माकन का राजस्थान प्रभारी पद से इस्तीफा, खड़गे को पत्र लिखकर कही ये बात...

जयपुर। कांग्रेस नेता अजय माकन ने राजस्थान में पार्टी के प्रभारी का पद छोड़ दिया है। माकन ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्टी लिखकर राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम करने से मना कर दिया है। अजय माकन ने प्रभार छोड़ने की पेशकश करते हुए 25 सितम्बर को विधायक दल की बैठक रद्द होने की घटना को आधार बनाया है। गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 5 दिसंबर को प्रवेश करेगी, ऐसे समय में माकन का पद छोड़ना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

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अजय माकन ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है। अपने पत्र में अजय माकन ने लिखा है कि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में प्रवेश करने वाली है और इस महीने उपचुनाव भी है ऐसे में जल्दी से जल्दी राजस्थान कांग्रेस के नए प्रभारी को नियुक्त किया जाना बेहतर होगा।

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माकन ने दिल्ली में रहकर काम करने और पार्टी को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की। कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा कि वह पिछली तीन पीढ़ियों से कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस से अपने पारिवारिक संबंधों का हवाला देते हुए खुद को राहुल गांधी का सिपाही भी बताया है।


क्या है पद छोड़ने की वजह? 
अजय माकन ने पार्टी हाईकमान को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों की बगावत और उन पर एक्शन नहीं लेने का मामला उठाया है। उन्होंने ये भी कहा है कि 4 दिसंबर को उपचुनाव हैं, ऐसे में राजस्थान के लिए नया प्रभारी नियुक्त करना ज्यादा जरूरी है। 

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क्या एक्शन नहीं होने से दुखी थे माकन?
25 सितंबर को जयपुर में विधायक दल की बैठक के अलावा एक और बैठक बुलाने वाले तीन कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नोटिस जारी किए गए थे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जा रहे इन तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही गई थी, लेकिन करीब दो महीनों का समय बीत चुका है और अब तक एक्शन नहीं लिया गया है। कहा जा रहा है कि माकन इस बात से दुखी थे।

खड़गे के लिए बड़ी चुनौती
कांग्रेस नेतृत्व, विशेष रूप से नए अध्यक्ष खड़गे पर मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव होगा। ये दबाव इसलिए भी है क्योंकि गहलोत के बहुमत वाले विधायकों का समर्थन उन्हें सख्त कदम उठाने नहीं देगा।

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